शिमला: पूर्व केंद्रीय मंत्री व हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से संसद श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने केंद्र सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश में सड़क, बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 3,667 करोड़ रुपये की वार्षिक योजना को मंजूरी देने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी व सड़क परिवहन मंत्री श्री नितिन गडकरी जी का आभार पप्रकट करते हुए कहा कि हिमाचल की कांग्रेस सरकार इस मंज़ूरी पर केंद्र सरकार का धन्यवाद करने की बजाय विभागीय अधिकारियों पर जानलेवा हमले करवाने में संलिप्त है।
श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा “ आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का देवभूमि हिमाचल से विशेष लगाव जगज़ाहिर है। केंद्र में मोदी सरकार के पिछले एक दशक से ज़्यादा समय में मोदी जी ने हिमाचल के हितों की विशेष चिंता की और सदा ही बेहतर हिमाचल निर्माण में अपना योगदान दिया है। एक बार फिर मोदी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए हिमाचल प्रदेश में सड़कों, पुलों और संबंधित बुनियादी ढांचे के निर्माण और उन्नयन के लिए 3,667 करोड़ रुपये की वार्षिक योजना को मंजूरी दी है। कुल्लू जिले में जलोड़ी जोत के नीचे सुरंग की सैद्धांतिक मंजूरी देते हुए केंद्र सरकार ने ₹1,452 करोड़ रुपये व काला अंब पांवटा साहिब को चार लेन का बनाने के लिए ₹1,385 करोड़ इस महत्वपूर्ण परियोजना के लिए मंजूर किए हैं। सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण इन परियोजनाओं का निर्माण हिमाचल में रोज़गार व पर्यटन को बढ़ावा देगा। देवभूमि हिमाचल के हिट में इस मंज़ूरी के लिए मैं आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी व सड़क परिवहन मंत्री माननीय श्री नितिन गडकरी जी का आभार प्रकट करता हूँ”

श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा “ एक तरफ़ जहां केंद्र सरकार हिमाचल को बड़ी-बड़ी सौग़ातें देकर उसके हितों की रक्षा कर रही है तो दूसरी तरफ़ हिमाचल सरकार में बैठे ज़िम्मेदार लोग केंद्रीय कर्मचारियों पर जानलेवा हमले में संलिप्त हैं। यह अत्यंत चिंता का विषय है कि जहां प्रदेश की कांग्रेस सरकार को केंद्र सरकार का धन्यवाद प्रकट करना चाहिए था, उसे छोड़कर ये लोग मारपीट, अराजकता और प्रदेश को शर्मसार करने वाले काम कर रहे हैं। एक तो कांग्रेस सरकार प्रदेश हित में कोई कार्य नहीं कर रहे ऊपर से जो केंद्रीय कर्मचारी हिमाचल बेहतर बनाने, सजाने संवारने में लगे हैं कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता उनका मनोबल तोड़ने में लगे हैं। स्वर्गीय विमल नेगी जी मामले में सीबीआई जांच अभी भी जारी है और अब एक और अधिकारी का सिर फट गया है। क्या हिमाचल में सरकारी अधिकारी अब भी सुरक्षित हैं? क्या उन्हें आत्महत्या के लिए मजबूर किया जाएगा? ये गंभीर सवाल हैं और मुख्यमंत्री को इनका जवाब देना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा हिमाचल में फोर-लेन राजमार्गों, एनडीआरएफ संचालन और रेलवे परियोजनाओं के लिए हजारों करोड़ रुपये दिए जा रहे हैं। लेकिन जब धन भेजा जा रहा है, तो राज्य के मंत्रियों और उनके सहयोगियों द्वारा बंद कमरों में जमीनी स्तर पर अधिकारियों पर हमला किया जा रहा है। क्या ‘देवभूमि’ में कोई शासन नाम की कोई चीज बची है? अगर मुख्यमंत्री अपनी सरकार की छवि बचाना चाहते हैं और केंद्रीय योजनाओं को लागू करना चाहते हैं, तो उन्हें निर्णायक रूप से कार्य करना चाहिए। अन्यथा, हम क्या संदेश दे रहे हैं कि अधिकारियों को उनके कर्तव्य के लिए पीटा जाएगा? माफिया को संरक्षण देते देते कांग्रेसी अब ख़ुद खुलेआम गुंडागर्दी ओर उतारू हो गए हैं।