इस्लामाबाद । पाकिस्तान (Pakistan) इस समय मानसून (Monsoon) की भारी बारिश और बाढ़ (Heavy Rains and Flood) की तबाही से जूझ रहा है, लेकिन वहां की मीडिया (Media) हर छोटी-बड़ी घटना के लिए भारत (India) को जिम्मेदार ठहराने लगती है। इस बार भी बाढ़ की आपदा का दोष भारत पर मढ़ा जा रहा है। देश में बारिश और बाढ़ से मरने वालों की संख्या 700 को पार कर चुकी है। खैबर पख्तूनख्वा प्रांत सबसे अधिक प्रभावित है, और पंजाब भी बाढ़ की चपेट में है।
रावी नदी में बाढ़ का कहर
पाकिस्तान के समा टीवी की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पंजाब में रावी नदी उफान पर है। रिपोर्टर ने आरोप लगाया कि भारत द्वारा पानी छोड़े जाने के कारण रावी नदी में बाढ़ आई है। उनके अनुसार, भारत से पाकिस्तान में प्रवेश करने वाली रावी नदी में 60 हजार क्यूसेक से अधिक पानी बह रहा है, जिससे नदी का जलस्तर खतरनाक हो गया है। रिपोर्ट में बताया गया कि पाकिस्तानी प्रशासन ने नदी किनारे के इलाकों को खाली कराकर जान-माल के नुकसान को रोकने की कोशिश की है। गौरतलब है कि सिंधु जल संधि के तहत भारत को ब्यास, रावी और सतलुज नदियों के पानी का उपयोग करने का अधिकार था, जबकि सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों का पानी पाकिस्तान को मिलता था। हालांकि, पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने सिंधु जल संधि को रद्द कर दिया है।
राहत और बचाव कार्य तेज
पाकिस्तानी सेना ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव अभियान तेज कर दिया है। मंगलवार को बताया गया कि बारिश और बाढ़ से संबंधित घटनाओं में मरने वालों की संख्या 706 हो गई है। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में 24 और लोगों की मौत हुई, जिससे 26 जून से अब तक कुल 706 मौतें दर्ज की गई हैं। बाढ़ से संबंधित घटनाओं में 965 लोग घायल हुए हैं।

खैबर पख्तूनख्वा में सबसे अधिक 427 मौतें
एनडीएमए के अनुसार, खैबर पख्तूनख्वा में सबसे ज्यादा 427 लोगों की मौत हुई है। इसके बाद पंजाब में 164, सिंध में 29, बलूचिस्तान में 22, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 56 और इस्लामाबाद में 8 लोगों की जान गई है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार के अनुसार, सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने बताया कि सेना ने राहत कार्यों को तेज कर दिया है। खैबर पख्तूनख्वा में 9 राहत शिविरों के जरिए 6,903 लोगों को बचाया गया और उन्हें चिकित्सा सहायता दी गई। इस प्रांत में आठ सैन्य इकाइयाँ और बुनेर में दो बटालियन राहत कार्यों में जुटी हैं। सेना के हेलीकॉप्टर भी बचाव और आपूर्ति कार्यों में सहायता कर रहे हैं।
संघीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अताउल्लाह तरार ने कहा कि एनडीएमए, पाकिस्तानी सेना और संघीय व प्रांतीय सरकारें मिलकर राहत कार्य कर रही हैं। अब तक 25,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। पाकिस्तान मौसम विज्ञान विभाग (पीएमडी) ने अगले 24 घंटों में देश के अधिकांश हिस्सों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश की चेतावनी दी है।