अमरनाथ यात्रा के लिए ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू, बड़ी संख्या में स्पेशल सेंटर पहुंचे श्रद्धालु, 3 जुलाई से शुरू होगी यात्रा
नई दिल्ली: तीन जुलाई से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा के लिए ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुका है। अब तक जिन भक्तों ने ऑनलाइन माध्यम से यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, उनके लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया चल रही है। प्रशासन की तरफ से स्थापित केंद्रों पर सोमवार (30 जून) से रजिस्ट्रेशन शुरू हुआ और पहले दिन ही बड़ी संख्या में भक्त विशेष केंद्र पर पहुंचे हैं। अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई को बालटाल और पहलगाम मार्ग से शुरू होगी।
रजिस्ट्रेशन के लिए केंद्र पर आए एक श्रद्धालु ने पहलगाम हमले के डर पर बात करते हुए कहा, “इस बार लोग उत्साहित हैं। कोई डर नहीं है। व्यवस्थाएं अच्छी हैं। प्रशासन हमारे साथ है।” एक अन्य श्रद्धालु ने कहा, “आप लोगों में उत्साह देख सकते हैं। मुझे अमरनाथ में आस्था है। वे (आतंकवादी) जो चाहें कर सकते हैं, हमें इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। मैं सभी लोगों से जम्मू-कश्मीर आने का अनुरोध करना चाहता हूं ताकि हमारी सेना और सरकार यह कह सके कि हम उनकी (आतंकवादियों की) हरकतों से प्रभावित नहीं हैं।”
सीआरपीएफ ने बनाई खास योजना
अमरनाथ यात्रा से पहले सीआरपीएफ ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जम्मू -श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-44) पर एक मजबूत बहुस्तरीय सुरक्षा योजना शुरू की है। जम्मू -श्रीनगर राजमार्ग हजारों तीर्थयात्रियों के लिए महत्वपूर्ण मार्गों में से एक है। सीआरपीएफ ने निगरानी बढ़ा दी है, हजारों तीर्थयात्रियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले महत्वपूर्ण मार्ग जम्मू -श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर अपने कर्मियों के साथ के-9 (डॉग) दस्ते तैनात किए हैं, और उधमपुर सेक्टर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देते हुए राजमार्ग गश्त को मजबूत किया है।
एसडीएम का बयान
जम्मू दक्षिण के एसडीएम मनु हंसा ने कहा, “हम यहां सभी अमरनाथ भक्तों का स्वागत करते हैं। हमने सरस्वती धाम में टोकन सेंटर शुरू किया है। यह जम्मू का एकमात्र टोकन सेंटर है जो बालटाल और पहलगाम दोनों मार्गों के लिए टोकन देता है। पंजीकरण के लिए हमने 3 केंद्र बनाए हैं। हमने बालटाल और पहलगाम मार्गों के लिए 6-6 टोकन केंद्र बनाए हैं।”
दो जुलाई को रवाना होगा पहला जत्था
तीर्थयात्रियों का पहले जत्था 2 जुलाई, 2025 को जम्मू आधार शिविर से रवाना किया जाएगा, जबकि यात्रा आधिकारिक तौर पर 3 जुलाई, 2025 को बालटाल और पहलगाम दोनों मार्गों से शुरू होगी। इससे पहले, आगामी अमरनाथ यात्रा 2025 के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के एक एहतियाती प्रयास में, रविवार को जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर समरोली, टोल्डी नाला में भारतीय सेना, सीआरपीएफ, जम्मू और कश्मीर पुलिस और जेकेएसडीआरएफ ( जम्मू और कश्मीर राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) द्वारा एक संयुक्त मॉक भूस्खलन अभ्यास आयोजित किया गया था। इस अभ्यास का उद्देश्य तीर्थयात्रा के दौरान भूस्खलन या प्राकृतिक आपदाओं के मामले में आपातकालीन तैयारियों का आकलन करना था। सिमुलेशन में फंसे हुए वाहनों को बचाना और घायल तीर्थयात्रियों को तत्काल सहायता प्रदान करना शामिल था, साथ ही सुरक्षा और आपदा प्रतिक्रिया दल ने निकासी और चिकित्सा सहायता का कुशलतापूर्वक समन्वय किया।