धनखड़ के इस्तीफे के राजनीतिक गलियारों में हलचल, PM की पोस्ट पर विपक्ष का हमला

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नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Vice President Jagdeep Dhankhar) के सोमवार शाम अचानक भारत के उपराष्ट्रपति (Vice President) पद से इस्तीफा (Resign) दे दिया था। लेकिन उनके इस्तीफे पर अभी भी राजनीतिक गलियारों में हलचल (Political corridors Commotion) मची हुई है। इस्तीफे (Resign) की वजह भले ही ‘स्वास्थ्य कारणों’ को बताया गया हो, लेकिन विपक्ष (Opposition) इसे एक “जबरन इस्तीफा” (“Forced resignation”) बता रहा है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस मसले पर किए गए पोस्ट को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है।

मंगलवार को एक्स पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने लिखा, “X पर किए अपने पोस्ट में श्री जगदीप धनखड़ के जबरन इस्तीफे पर प्रधानमंत्री का कोई टिप्पणी न करना उनके अचानक हटने की वजहों को और भी रहस्यमय बना देता है। प्रधानमंत्री चाहते तो थोड़ा बड़प्पन दिखा सकते थे – पाखंड करने में तो वे माहिर हैं ही। लेकिन किसानपुत्र को सम्मानजनक विदाई तक नहीं दी जा रही है।” कांग्रेस नेता ने इसे जबरन लिया गया इस्तीफा करार दिया।

धनखड़ ने सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया था। अपने पत्र में उन्होंने लिखा, “स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सा सलाह का पालन करने के लिए, मैं भारत के उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं।” उन्होंने राष्ट्रपति को धन्यवाद देते हुए कहा कि “मेरे कार्यकाल के दौरान हमारे बीच रहा सहयोग और कार्य संबंध अत्यंत सौहार्दपूर्ण और प्रेरणादायक रहा है।”

इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मंगलवार को एक्स पर पोस्ट किया। प्रधानमंत्री ने धनखड़ के इस्तीफे के बाद कहा कि उन्हें कई भूमिकाओं में देश की सेवा का मौका मिला है और वह उनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना करते हैं। हालांकि पीएम मोदी के इस औपचारिक संदेश को विपक्ष ने “बेमन और रूखा” करार दिया है। कांग्रेस के अलावा अन्य विपक्षी दलों, खासकर INDIA गठबंधन के नेताओं ने भी इस पर सवाल उठाए हैं। कई नेताओं ने अटकलें लगाईं कि क्या वास्तव में धनखड़ को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया?

धनखड़ ने अपने कार्यकाल के दौरान कई बार विपक्ष की आलोचनाओं का सामना करते हुए केंद्र सरकार की नीतियों का समर्थन किया। उनके इस्तीफे को लेकर अब कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं- क्या यह कोई स्वास्थ्य कारण है या फिर कोई राजनीतिक साजिश? भविष्य में धनखड़ की भूमिका क्या होगी, इस पर भी अटकलें लगाई जा रही हैं। फिलहाल, सरकार या राष्ट्रपति भवन की ओर से कोई विस्तृत स्पष्टीकरण सामने नहीं आया है।

इससे पहले, रमेश ने एक अन्य पोस्ट में लिखा, ‘‘कल जगदीप धनखड़ ने अपराह्न साढ़े 12 बजे राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति की अध्यक्षता की। इसमें सदन के नेता जे पी नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू सहित अधिकतर सदस्य उपस्थित थे। कुछ चर्चा के बाद, कार्य मंत्रणा समिति ने शाम साढ़े चार बजे पुनः बैठक करने का निर्णय लिया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘शाम साढ़े चार बजे कार्य मंत्रणा समिति जगदीप धनखड़ की अध्यक्षता में पुनः एकत्रित हुई। बैठक में नड्डा और रीजीजू के आने का इंतज़ार हो रहा था। वे नहीं आए।’’

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि धनखड़ को व्यक्तिगत रूप से यह सूचित नहीं किया गया था कि दोनों वरिष्ठ मंत्री बैठक में शामिल नहीं हो रहे और धनखड़ को इसका बुरा लगा तथा फिर उन्होंने कार्य मंत्रणा समिति की बैठक मंगलवार दोपहर एक बजे के लिए पुनर्निर्धारित कर दी। रमेश ने दावा किया कि सोमवार अपराह्न एक बजे से शाम साढ़े चार बजे के बीच कुछ बहुत गंभीर घटना हुई जिसके कारण नड्डा और रीजीजू दूसरी कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में जानबूझकर अनुपस्थित रहे। उन्होंने कहा, ‘‘बेहद चौंकाने वाला कदम उठाते हुए जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया। उन्होंने इसकी वजह अपनी सेहत को बताया है। हमें इसका मान रखना चाहिए लेकिन सच्चाई यह भी है कि इसके पीछे कुछ और गहरे कारण हैं।’’

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