Paush Maas 2025 : सनातन धर्म में पौष का महीना भगवान सूर्य और भगवान विष्णु की पूजा के लिए विशेष रूप से फलदायी माना गया है। इस मास की शुरुआत 05 दिसंबर 2025 से प्रारंभ होकर 03 जनवरी 2026 को समाप्त होगी। पौष मास में जब सूर्यदेव धनु राशि में प्रवेश करते हैं तो खरमास की शुरुआत होती है। उत्तर भारत में इस मास के दौरान कड़ाके की सर्दी पड़ती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पौष में स्नान-दान और सूर्य नारायण की साधना करने पर व्यक्ति को सर्व सुख-सौभाग्य और आरोग्य की प्राप्ति होती है।
1. हिंदू मान्यता के अनुसार पौष में पुण्य की कामना रखने वालों को तामसिक चीजों से दूरी बनाए रखना चाहिए। ऐसे में इस पावन मास में भूलकर भी मांस-मदिरा या फिर किसी अन्य नशे की चीज सेवन न करें।
2. इस मास में मांगलिक कार्य जैसे शादी, मुंडन, जनेउ आदि न करें।

3. पौष मास में श्री हरि की साधना और उपासना में मन लगाना चाहिए। ऐसे में पौष में भूलकर भी किसी के प्रति ईर्ष्या न रखें और सदाचार का पालन करें।
4. पौष में नमक का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए। इसी प्रकार बैंगन, मूली, मसूर की दाल आदि का सेवन करने से भी बचना चाहिए।