पायलट सुमित सभरवाल थोड़ी देर में होंगे पंचतत्व में विलीन, नम आंखों से अंतिम विदाई दे रहे परिजन

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अहमदाबाद: अहमदाबाद एयर इंडिया प्लेन हादसे में मारे गए एयर इंडिया फ्लाइट के पायलट कैप्टन सुमित सभरवाल का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए मुंबई लाया गया है। पायलट कैप्टन सुमित सभरवाल पवई के रहने वाले थे। उनका पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए मुंबई के पवई निवास स्थान जलवायु विहार पहुंच गया है। उनके आवास पर परिजन और रिश्तेदार नम आंखों से उन्हें विदाई दे रहे हैं। मेघानी नगर की कई जिंदगियां बचाने वाले कैप्टन आज पंचतत्व में विलीन होंगे। उनका अंतिम संस्कार सुबह 10 बजे चकला श्मशान घाट पर होगा।

पायलट सभरवाल की गुरुवार को अहमदाबाद से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद प्लेन क्रैश में मौत हो गई थी। रविवार को डीएनए मैच करने के बाद उनकी फैमिली को उनका शव सौंपा गया था। हाथ जोड़कर अंतिम विदाई देते हुए पिता का टूटा हुआ दिल हर किसी की आंखों को नम कर गया। सुमित सभरवाल एयर इंडिया के अनुभवी पायलट थे, जो कि मुंबई के रहने वाले थे। बतौर पायलट सुमित काफी अनुभवी थे। वह अपने को पायलट क्लाइव कुंदर के साथ जिस फ्लाइट को उड़ा रहे थे, जिसमें 230 लोग सवार थे, वहीं केबिन क्रू 10 और दो पायलट मौजूद थे। क्रैश के वक्त फ्लाइट में 242 में से 241 लोग मारे गए। बस एक ही फ्लाइट पैसेंजर जिंदा बच सका।

सुमित सभरवाल की पड़ोसी ने क्या बताया?
अहमदाबाद विमान हादसे ने न सिर्फ 241 परिवारों के जीवन को झकझोर कर रख दिया, बल्कि एक बेटे के उस अधूरे सपने को भी तोड़ दिया, जो अपने बूढ़े पिता की सेवा में समर्पित होना चाहता था। सुमित कई बार कहते थे कि अब रिटायरमेंट लेकर पिता का ख्याल रखना है। 88 साल के बुजुर्ग पिता अपने 60 वर्षीय बेटे की मौत की खबर के बाद टूट गए हैं। कैप्टन सुमित सभरवाल के घर के पास रहने वाली ऊषा तड़वलेकर ने आज भावुक मन से बताया कि सुमित के साथ केबिन क्रू के रूप में उन्होंने भी एयर इंडिया को सेवाएं दी है। वे लगभग 37 सालों तक एयर इंडिया में केबिन क्रू थी और अब रिटायर हो चुकी हैं। कैप्टन के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि सुमित के चेहरे पर हमेशा एक मुस्कान रहती थी। वह जीवन भर एक लो प्रोफाइल रहकर हमेशा अपने काम पर ध्यान देते थे।

अब तक कितने मृतकों के DNA सैंपल मैच?
अहमदाबाद प्लेस हादसे की जांच में एविएशन एक्सपर्ट्स की कई टीमें लगी हैं तो अहमदाबाद प्रशासन और गुजरात सरकार का फोकस प्लेन क्रैश के शिकार लोगों की पहचान करके उनके शव परिवार वालों को सौंपने पर है। DNA प्रोफाइलिंग के आधार पर अबतक 125 शवों की पहचान हो चुकी है तो वहीं 124 मृतकों के रिश्तेदारों से संपर्क किया जा चुका है। अबतक 83 शव परिवार वालों को सौंपे जा चुके हैं।

DNA सैंपिलिग के लिए दिन-रात काम कर रहे एक्सपर्ट्स
डीएन सैंपिलिग के लिए फॉरेन्सिक लैब में एक्सपर्ट्स दिन रात काम कर रहे हैं। DNA सैंपल मैच करने में कम से कम 72 घंटे का वक्त लगता है लेकिन प्लेन क्रैश का शिकार हुए लोगों के शव इतनी बुरी तरह जल गए हैं कि उनमें से DNA एक्सट्रैक्ट करना बहुत मुश्किल हो रहा है इसलिए पूरे प्रोसेस में वक्त लग रहा है। हालांकि प्रशासन की कोशिश है कि जितनी जल्दी हो सके डीएनए चेक किया जा सके। इसके लिए गांधीनगर की फॉरेसिंक लैब में आसपास के जिलों के फॉरेन्सिक एक्सपर्टस को भी बुलाया गया है। इस वक्त फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स की 36 टीमें DNA प्रोफाइलिंग में लगी हैं।

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