पीएम धन धान्य कृषि योजना: किसानों की आमदनी बढ़ाने और खेती को आधुनिक बनाने की दिशा में बड़ा कदम
केंद्र सरकार ने 100 जिलों में लागू की नई कृषि योजना, जानिए किसानों को कैसे होगा लाभ
क्या है पीएम धन धान्य कृषि योजना?
वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पीएम धन धान्य कृषि योजना की घोषणा की थी। इस योजना का उद्देश्य खेती को पारंपरिक तरीकों से हटाकर आधुनिक तकनीक और टिकाऊ कृषि पद्धतियों की ओर ले जाना है।
सरकार इस योजना के तहत कम क्रेडिट स्कोर वाले 100 जिलों में कृषि को बढ़ावा देगी। इसके लिए ₹24,000 करोड़ का बजटीय प्रावधान किया गया है जो अगले 6 वर्षों में खर्च किया जाएगा।
इस योजना से किसानों को कैसे मिलेगा फायदा?
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कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी: उन्नत बीज, आधुनिक उपकरण और वैज्ञानिक तकनीकों से उत्पादकता बढ़ेगी।
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फसल विविधिकरण को बढ़ावा: किसान पारंपरिक फसलों के अलावा अन्य प्रकार की फसलों को भी उगा सकेंगे, जिससे बाजार की मांग के अनुसार उत्पादन संभव होगा।
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टिकाऊ खेती को प्रोत्साहन: पर्यावरण-संवेदनशील और संसाधन-संरक्षण कृषि पद्धतियों को अपनाने में सहायता।
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स्टोरेज सुविधाओं का विस्तार: फसल कटाई के बाद पंचायत और ब्लॉक स्तर पर गोदाम और भंडारण केंद्र विकसित किए जाएंगे, जिससे फसल की बर्बादी रुकेगी।
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सिंचाई व्यवस्था का सशक्तिकरण: लघु सिंचाई परियोजनाओं और जल संरक्षण तकनीकों से पानी की उपलब्धता में सुधार होगा।

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लोन की आसान उपलब्धता: कम क्रेडिट स्कोर वाले जिलों के किसानों को कृषि ऋण लेने में सहूलियत होगी।
सरकार का उद्देश्य क्या है?
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किसानों की आय दोगुनी करना
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ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाना
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स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देना
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युवाओं को खेती की ओर प्रेरित करना
निष्कर्ष
पीएम धन धान्य कृषि योजना भारत के कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता रखती है। यह न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करेगी बल्कि खेती को अधिक वैज्ञानिक, टिकाऊ और लाभकारी भी बनाएगी। आने वाले वर्षों में इसके प्रभाव से ग्रामीण भारत का चेहरा बदल सकता है।