पीएम मोदी चीन के तियानजिन पहुंचे, एससीओ शिखर सम्मेलन में लेंगे भाग

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को चीन के तियानजिन पहुंचे। चीन के उद्योग एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ली लेचेंग, तियानजिन सरकार के निदेशक यू यूनलिन और चीनी राजदूत ज़ू फेइहोंग ने पीएम मोदी का स्वागत किया। वह यहां शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी द्वारा शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने की उम्मीद है।

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “चीन के तियानजिन पहुंच गया हूं। एससीओ शिखर सम्मेलन में विचार-विमर्श और विभिन्न विश्व नेताओं से मुलाकात के लिए उत्सुक हूं।

एससीओ शिखर सम्मेलन 31 अगस्त से 1 सितंबर तक चीन में आयोजित किया जा रहा है। यह पिछले सात वर्षों में पीएम मोदी की पहली चीन यात्रा होगी और जून 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच गलवान घाटी में हुए टकराव के बाद पहली यात्रा होगी।

इससे पहले, दो देशों की यात्रा पर रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अपने प्रस्थान वक्तव्य में कहा था, “मैं राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निमंत्रण पर तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन की यात्रा करूंगा। भारत एससीओ का एक सक्रिय और रचनात्मक सदस्य है। अपनी अध्यक्षता के दौरान, हमने नवाचार, स्वास्थ्य और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के क्षेत्रों में नए विचार प्रस्तुत किए हैं और सहयोग की पहल की है।”

उन्होंने कहा कि भारत “साझा चुनौतियों का समाधान करने और क्षेत्रीय सहयोग को गहरा करने के लिए एससीओ सदस्यों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।”प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैं शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग, राष्ट्रपति पुतिन और अन्य नेताओं से मिलने के लिए भी उत्सुक हूं।

वहीं, दोनों नेताओं ने 2024 में रूस के कज़ान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर एक बैठक की थी। द्विपक्षीय वार्ता में सफलता तब संभव हुई जब भारत और चीन ने चार साल से चल रहे सीमा टकराव को समाप्त करने के लिए लगभग 3,500 किलोमीटर लंबी एलएसी पर गश्त करने पर एक समझौता किया।

SCO एक स्थायी अंतर-सरकारी अंतर्राष्ट्रीय संगठन है, जिसकी स्थापना 15 जून, 2001 को शंघाई में हुई थी। भारत 2017 से एससीओ का सदस्य है। एससीओ के सदस्य देश हैं- चीन, रूस, भारत, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, पाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ईरान और बेलारूस।

इसके अलावा, एससीओ में दो पर्यवेक्षक देश-अफगानिस्तान और मंगोलिया और 14 संवाद साझेदार हैं, जिनमें तुर्की, कुवैत, अजरबैजान, आर्मेनिया, कंबोडिया और नेपाल, श्रीलंका, सऊदी अरब, मिस्र, कतर, बहरीन, मालदीव, म्यांमार और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं।

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