बेंगलुरु भगदड़ मामले में पुलिस का ऐक्शन, RCB के चार बड़े अधिकारियों को किया गिरफ्तार

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बेंगलुरुः RCB के विक्ट्री सेलिब्रेशन के दौरान हुई भगदड़ मामले में पहले कर्नाटक सरकार ने ऐक्शन लिया। सीएम ने सिद्धारमैया ने कमिश्नर सहित कई पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया। अब पुलिस भी हरकत में आ गई है। RCB के मार्केटिंग ऑफिसर सहित 4 अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है।

गौरतलब है कि 4 जून को एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई थी और 50 से अधिक लोग घायल हो गए थे। इस मामले में कर्नाटक पुलिस ने  RCB के मार्केटिंग चीफ निखिल सोसाले और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी DNA एंटरटेनमेंट नेटवर्क्स के 3 अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। निखिल सोसाले गिरफ्तारी के समय बेंगलुरू से मुंबई के लिए एयरपोर्ट की तरफ जा रहे थे।

सीएम के आदेश पर एक्शन में पुलिस

इससे पहले कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने गुरुवार को बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त बी दयानंद और कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया। इसके बाद अगले आदेश तक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सीमांत कुमार सिंह को बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर के पद पर नियुक्त किया है। सीएम सिद्धारमैया ने RCB टीम, इवेंट मैनेजमेंट फर्म डीएनए एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड और कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) के प्रतिनिधियों की गिरफ्तारी का भी आदेश दिया था। इसके कुछ ही घंटों बाद उनके खिलाफ गैर इरादतन हत्या सहित विभिन्न आरोपों के तहत FIR दर्ज की गई।

हादसे के बाद भी चलता सेलिब्रेशन

RCB के आईपीएल 2025 का चैंपियन बनने के बाद टीम मालिकों ने एक समारोह आयोजित किया था। इस समारोह में सरकार भी शामिल थी। खिलाड़ियों को देखने और सेलिब्रेशन में शामिल होने के लिए भारी भीड़ जमा हो गई, जिसे संभालना पुलिस के बस में नहीं था। स्टेडियम के अंदर घुसने की कोशिश में भगदड़ मच गई थी। आरोप है कि स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ के बाद भी अंदर सेलिब्रेशन चलता रहा।

भाजपा और कांग्रेस में भगदड़ पर भिड़ंत

इस घटना के बाद राज्य की कांग्रेस सरकार पर चौतरफा हमले हो रहे हैं। विपक्षी दल भाजपा और जेडीएस ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार से इस्तीफा मांगा है। वहीं सिद्धारमैया ने कहा कि मंत्रिमंडल की बैठक हुई और त्रासदी पर विस्तार से चर्चा की गई। कैबिनेट ने अपने विवेक से इस घटना की जांच कर्नाटक उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश माइकल कुन्हा की अध्यक्षता वाले एक सदस्यीय न्यायिक आयोग को सौंपने का निर्णय लिया है और हमने आयोग से 30 दिनों में रिपोर्ट देने को कहा है। इसके अलावा डिप्टी सीएम ने भाजपा और जेडीएस पर संवेदनहीनता का आरोप लगाते हुए कहा कि ये लाशों पर राजनीति कर रहे हैं।

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