रेल बजट: 2009 से लेकर 2023 तक, साल दर साल कैसे बढ़ती गई ‘भारतीय रेलवे’ की रफ़्तार !

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नई दिल्ली: बीते कुछ वर्षों से भारतीय रेलवे तेजी से आगे बढ़ रही है. बुलेट ट्रेन और वंदे भारत ट्रेनों के रूप में तेजी से विस्तार देखने को मिल रहा है. इस बीच केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारामण ने इस साल के रेलवे के बजट में वृद्धि की है. रेलवे के लिए बजट 2023 में 2.4 लाख करोड़ की घोषणा की गई है. वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि अब तक का यह सबसे अधिक आवंटन है. यानी, साल 2013-14 (कांग्रेस कार्यकाल) के मुकाबले रेलवे का ये बजट करीब 9 गुना अधिक है.

साल दर साल कैसे बढ़ता गया रेल बजट:-

2009-14: 10,623 करोड़ रुपए, सालाना औसत (कांग्रेस सरकार)
2014-19: 24,347 करोड़ रुपए, सालाना औसत (भाजपा सरकार)
2022-23: 77,271 करोड़ रुपए
2023-24: 2,40,000 करोड़ रुपए

हालांकि, रेलवे के लिए अलग से कोई विशेष घोषणाएं नहीं की गई हैं. जिससे ये माना जा रहा है कि रेलवे अपनी पुरानी योजनाओं को ही पूरा करने पर फोकस करेगी. रेलवे बजट पर एक्सपर्ट्स का कहना भी यही था कि मोदी सरकार का जोर रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर को सशक्त करने और हाई स्पीड ट्रेनों को हकीकत के और करीब पहुंचाने पर होगा. क्योंकि पहले से ही रेलवे की कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर काम जारी है. इनमें बुलेट ट्रेन परियोजना, रैपिड ट्रेन, चिनाब नदी रेलवे ब्रिज, बइरबी-साईरंग नई लाइन रेलवे परियोजना आदि शामिल हैं. बजट में इजाफा कर सरकार नए लाइनों को बिछाने, सेमी हाई स्पीड ट्रेनों की संख्या बढ़ाने और पहले से जारी प्रोजेक्ट्स को पूरा करने पर ध्यान देगी. हालांकि, रेलवे में आम लोगों से जुड़े किसी मुद्दे पर कोई घोषणा नहीं की गई है.

रेलवे की कमाई में हुआ इजाफा:-

वहीं, रेलवे की कमाई में इस साल इजाफा दर्ज किया गया है. रेल मंत्रालय ने बीते वित्त वर्ष की तुलना में 42,370 करोड़ रुपए ज्यादा राजस्व हासिल किया है. गत वर्ष की तुलना में रेलवे की आमदनी 71 फीसदी तक बढ़ चुकी है. हालांकि, इससे पहले 2021 में 26 हजार 338 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था. सरकार फिलहाल, 2 वर्ष में 400 वंदेभारत ट्रेनें चलाने पर काम कर रही हैं.

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