जगन्नाथ मंदिर के गर्भगृह में नहीं लगेगी चूहे भगाने की मशीन, ‘आवाज से भगवान की नींद में पड़ेगा खलल’

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भुवनेश्वर ; हिन्दुओं के पवित्र धाम जगन्नाथ मंदिर के सेवादारों ने गर्भगृह के अंदर चूहों को भगाने वाली मशीन का उपयोग करने से इनकार कर दिया है। उनका तर्क है कि मशीन की भनभनाती हुई आवाज से भगवान की नींद में खलल पड़ सकता है। दरअसल, पिछले कुछ समय से मंदिर परिसर में चूहों का आतंक है। जिसके चलते मंदिर प्रशासन को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मंदिर प्रशासन की परेशानी को ध्यान में रखते हुए एक भक्त ने चूहा भगाने की मशीन दान की थी।

चूहे भगाने की मशीन से संतुष्ट होने के बाद जगन्नाथ मंदिर प्रशासन चूहों को दूर रखने के लिए इसे गर्भगृह में रखना चाहता था। हालांकि, सेवकों ने यह कहते हुए इसे मंदिर के अंदर रखने से इनकार कर दिया कि इससे रात में तीनों देवताओं – भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की नींद में खलल पड़ेगा।

एसजेटीए के नीति प्रशासक जितेंद्र साहू ने कहा कि वे मशीन का इस्तेमाल नहीं करना चाहते क्योंकि इसके शोर से देवताओं की नींद में खलल पड़ेगा। उन्होंने कहा, “हमने गर्भगृह में मशीन के उपयोग पर सेवादारों के साथ बैठक की। चूंकि यह परेशान करने वाली आवाज पैदा करता है, इसलिए सेवादारों ने इसका विरोध किया। इससे पहले मंदिर परिसर को चूहों से बचाने के लिए क्रीम के इस्तेमाल नहीं करने का फैसला लिया गया था।”

मंदिर में चूहों के आतंक का आलम यह है कि चूहे मंदिर में ‘रत्न सिंहासन’ (पवित्र वेदी) पर विराजमान भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के कपड़े कुतर रहे हैं। देवताओं को चढ़ाए गए फूलों को चूहे चट कर जाते हैं और देवताओं के बहुमूल्य वस्त्रों को कुतर रहे हैं।

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