नई दिल्ली। देश के बैंकिंग रेगुलेटर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने देश के करोड़ों लोगों को लोन ईएमआई में राहत दी है. आरबीआई की एमपीसी ने लगातार दूसरी बार रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की है. जिसके बाद रेपो रेट 6.25 फीसदी से कम होकर 6 फीसदी पर आ गए हैं. आरबीआई की ओर से ये फैसला ऐसे समय पर आया है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ से हैरान और परेशान है. इस फैसले के बाद दुनिया में महंगाई और मंदी की संभावना बढ़ गई है.
ग्लोबल इकोनॉमी के मंदी में जाने की संभावना को देखते हुए आरबीआई का ये फैसला काफी बेहतर समझा जा रहा है. आरबीआई एमपीसी के मैज्योरिटी मेंबर्स की ओर से 0.25 फीदी की कटौती की सिफारिश की, जिसके बाद रेपो रेट में इतनी कटौती का फैसला लिया गया. खास बात तो ये है कि आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने आरबीआई की पॉलिसी रेट में लगातार दूसरी बार कटौती की है. फरवरी महीने की पॉलिसी मीटिंग में भी ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती की थी.

ये कटौती करीब 5 साल यानी 56 महीनों के बाद देखने को मिली थी. इस कटौती के बाद आम लोगों को बड़ी राहत मिलने के आसार हैं. होम लोन, कार लोन के साथ बैंकिंग सेक्टर के रिटेल लोन की कॉस्ट में कमी आएगी. इसका बड़ा फायदा रियल सेक्टर को हो सकता है. बीते कुछ महीनों से मंदी से जूझ रहे इस सेक्टर में घरों की डिमांड बढ़ सकती है.
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा, “एमपीसी (मौद्रिक नीति समिति) ने सर्वसम्मति से नीतिगत रेपो दर को तत्काल प्रभाव से 25 आधार अंकों से घटाकर 6% करने के लिए वोट किया।