नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली एक बार फिर जोरदार धमाके से दहल उठी है। लाल किले के पास पार्किंग में खड़ी एक कार में हुए भीषण विस्फोट में मृतकों का आंकड़ा 8 पहुंच गया है, जबकि 24 के करीब लोग घायल बताए जा रहे हैं।
यह धमाका इतना जोरदार था कि इसकी चपेट में आकर आसपास खड़ी कई अन्य गाड़ियां भी पूरी तरह से जलकर खाक हो गईं। मौके से मिले वीडियो हादसे की भयावहता को बयां कर रहे हैं।
गौरतलब है कि 2011 के बाद से यह दिल्ली में हुआ पहला बड़ा धमाका है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि धमाका कैसे हुआ। शुरुआती तौर पर कहा गया था कि यह सीएनजी कार में लगी आग हो सकती है, लेकिन धमाके की विभत्सता और भारी नुकसान को देखते हुए आतंकी साजिश समेत कई तरह की आशंकाएं जाहिर की जा रही हैं।
यह पहला मौका नहीं है, जब दिल्ली इस तरह के जानलेवा धमाकों का गवाह बनी है। भारत की राजधानी होने के कारण दिल्ली कई बार आतंकी हमलों और बम धमाकों का शिकार बनी है। इन घटनाओं ने न केवल शहर को दहलाया, बल्कि पूरे देश की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए।


आतंकी हमलों से जुड़े थे अधिकतर धमाके
1997 के बाद से दिल्ली में हुए अधिकतर धमाके आतंकी घटनाओं से जुडे़ थे। इन साजिशों के पीछे इंडियन मुजाहिदीन (IM), लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और अन्य आतंकी संगठनों का हाथ रहा है।
अतीत में हुए इन्हीं हमलों के बाद दिल्ली की सुरक्षा को अभेद्य बनाने के लिए कई कड़े कदम उठाए गए थे, जैसे कि सीसीटीवी कवरेज बढ़ाना और खुफिया तंत्र को पहले से ज्यादा सशक्त करना। इन्हीं प्रयासों का नतीजा था कि पिछले एक दशक में राजधानी में कोई बड़ा धमाका नहीं हुआ था। हालांकि, लाल किले के पास हुई इस ताजा घटना ने एक बार फिर सुरक्षा एजेंसियों को सकते में डाल दिया है।
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