भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में 16.9% की वृद्धि, उत्तर प्रदेश बना ईवी बाजार का अगुवा
वित्त वर्ष 2025 में ईवी बिक्री ने छुआ 1.97 मिलियन का आंकड़ा, सरकारी नीतियों, सब्सिडी और बढ़ती ईंधन कीमतों ने दी रफ्तार
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की लोकप्रियता अब नए आयाम छू रही है। वित्त वर्ष 2025 में देश में ईवी बिक्री 16.9% बढ़कर 1.97 मिलियन यूनिट तक पहुंच गई, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में एक बड़ी वृद्धि है। उत्तर प्रदेश ने इस क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन करते हुए देशभर में सबसे अधिक ईवी बिक्री दर्ज की है। यह दिखाता है कि भारत का ईवी सेक्टर अब गतिशीलता के भविष्य का केंद्र बनता जा रहा है।
भारत में ईवी की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। सरकारी नीतियों, बढ़ती पेट्रोल-डीजल की कीमतों, और पर्यावरण को लेकर लोगों की जागरूकता ने इस क्षेत्र को नई दिशा दी है। जानकारों का कहना है कि भारत के लोग अब अधिक जागरूक हो रहे हैं और प्रदूषण रहित, किफायती विकल्प की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। सरकार की सब्सिडी, चार्जिंग नेटवर्क का विस्तार और ईवी पर टैक्स छूट जैसी योजनाओं ने भी इस रफ्तार को और तेज किया है। जी हाँ, आपको यह जानकर खुशी होगी कि बीते जुलाई महीने में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री ने नया रिकॉर्ड बनाया है। यह आंकड़े अब तक के सबसे ऊँचे स्तर पर पहुंच गए हैं। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) की रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई 2025 में देशभर में इलेक्ट्रिक वाहनों की कुल बिक्री में भारी उछाल देखने को मिला। इस दौरान इलेक्ट्रिक कार, थ्री-व्हीलर और कॉमर्शियल ईवी सेगमेंट ने शानदार प्रदर्शन किया, जबकि टू-व्हीलर सेगमेंट में मामूली गिरावट दर्ज की गई।
पैसेंजर इलेक्ट्रिक वाहन सेगमेंट में बिक्री में 93% की बढ़त दर्ज की गई है। टाटा मोटर्स और एमजी मोटर जैसी कंपनियों ने इस क्षेत्र में मजबूत पकड़ बनाई है।
इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स के इस श्रेणी में बिक्री में थोड़ी गिरावट आई है। हालांकि, टीवीएस मोटर जैसी कंपनियां अभी भी मार्केट लीडर बनी हुई हैं।
थ्री-व्हीलर्स और कॉमर्शियल ईवी सेगमेंट्स में बढ़िया प्रदर्शन दर्ज किया गया है। ई-रिक्शा और लोडिंग वाहन की बिक्री में बढ़ोतरी इस बात का संकेत है कि भारत के छोटे और मध्यम व्यवसाय तेजी से इलेक्ट्रिक परिवहन को अपना रहे हैं।
उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि ईवी बिक्री में यह उछाल भारत के ऑटो सेक्टर के लिए एक टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है। उनका मानना है कि आने वाले वर्षों में जैसे-जैसे चार्जिंग स्टेशन नेटवर्क मजबूत होगा और बैटरी तकनीक सस्ती बनेगी, ईवी का उपयोग आम लोगों के जीवन का हिस्सा बन जाएगा।
जुलाई 2025 में भारतीय बाजार में 15,528 इलेक्ट्रिक कारें बिकीं, जो कि पिछले साल की तुलना में 93% की बढ़ोतरी है। यह अब तक का सबसे बड़ा वार्षिक इजाफा माना जा रहा है।
टाटा मोटर्स इस सेगमेंट की अग्रणी कंपनी रही, जिसने अकेले 6,047 यूनिट्स बेचीं।
इसके बाद JSW एमजी मोटर इंडिया रही, जिसने 5,089 यूनिट्स की बिक्री की।
वहीं महिंद्रा, हुंडई, बीवाईडी, बीएमडब्ल्यू और मर्सिडीज-बेंज जैसी कंपनियों ने भी इस महीने अच्छे प्रदर्शन से बाजार में अपनी पकड़ मजबूत की है।
विशेषज्ञों के अनुसार, इलेक्ट्रिक कारों की बढ़ती रेंज, चार्जिंग नेटवर्क का विस्तार और नई ईवी लॉन्चेज ने उपभोक्ताओं का भरोसा बढ़ाया है।
इलेक्ट्रिक स्कूटर की बिक्री में हल्की गिरावट
जहां इलेक्ट्रिक कारों ने रफ्तार पकड़ी है, वहीं इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बिक्री में मामूली गिरावट दर्ज की गई।
जुलाई 2025 में कुल 1,02,973 यूनिट्स इलेक्ट्रिक स्कूटर और बाइक बिकीं, जो कि जुलाई 2024 के 1,07,655 यूनिट्स के मुकाबले करीब 4% कम है।हालांकि, टीवीएस मोटर कंपनी इस सेगमेंट में भी शीर्ष पर रही। कंपनी ने 22,256 इलेक्ट्रिक स्कूटर बेचे।विश्लेषकों का मानना है कि दोपहिया ईवी की बिक्री में कमी का कारण सब्सिडी में कटौती और कुछ राज्यों में चार्जिंग सुविधाओं की सीमित उपलब्धता है।
इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहनों की बिक्री में 9% की बढ़त
इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहनों की बिक्री में इस साल 9% की वृद्धि दर्ज की गई है।
जुलाई 2025 में कुल 69,146 ई-रिक्शा और ई-ऑटो बिके, जबकि पिछले साल यह संख्या 63,675 यूनिट्स थी।
महिंद्रा ग्रुप इस सेगमेंट में सबसे आगे रहा, जिसने 9,766 गाड़ियां बेचीं — जो कि पिछले साल की तुलना में 40% अधिक है।
शहरी और ग्रामीण इलाकों में ई-रिक्शा की बढ़ती मांग और कम ऑपरेटिंग लागत इस वृद्धि की बड़ी वजह मानी जा रही है।

इलेक्ट्रिक कॉमर्शियल वाहनों में 52% की जबरदस्त वृद्धि
कॉमर्शियल ईवी बाजार में भी इस साल जबरदस्त उछाल देखने को मिला।
जुलाई 2025 में कुल 1,244 इलेक्ट्रिक कॉमर्शियल वाहन बेचे गए, जो कि पिछले साल की तुलना में 52% की बढ़ोतरी है।
इस सेगमेंट में टाटा मोटर्स फिर से सबसे आगे रही, जिसने 333 गाड़ियां बेचीं।
लॉजिस्टिक कंपनियों और ई-कॉमर्स सेक्टर में इलेक्ट्रिक ट्रक और वैन की मांग लगातार बढ़ रही है।
भविष्य की दिशा और सरकार की भूमिका
कुल मिलाकर, इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में बढ़ोतरी भारत के ऑटो सेक्टर के लिए एक सकारात्मक संकेत है। सरकार लगातार इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए “फेम-II योजना”, कर छूट, और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार जैसी नीतियों पर काम कर रही है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि ईवी के और व्यापक उपयोग के लिए चार्जिंग स्टेशन की पहुंच और बैटरी स्वैपिंग सुविधाएं बढ़ाना जरूरी है। इससे उपभोक्ताओं को और सुविधा मिलेगी और देश में ईवी क्रांति को और गति मिलेगी।
सरकार की भूमिका और आगे का रास्ता
भारत सरकार लगातार इस क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए कदम उठा रही है। FAME-II योजना, स्टेट ईवी पॉलिसीज़, और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन जैसी योजनाएं लोगों को ईवी अपनाने के लिए प्रेरित कर रही हैं।
हालांकि, अभी भी ग्रामीण और छोटे शहरों में चार्जिंग सुविधाओं की कमी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इस दिशा में तेज़ी से काम हुआ, तो आने वाले कुछ वर्षों में भारत दुनिया के सबसे बड़े ईवी बाजारों में शामिल हो सकता है।
भारत में ई-वाहन बाजार तेजी से बढ़ रहा है, जिसमें उत्तर प्रदेश एक प्रमुख भूमिका निभा रहा है, जो बढ़ती मांग और सरकारी नीतियों से प्रेरित है।