Semiconductor Market में होगी मेड Made In India Chips की एंट्री, PM Modi ने लाल किले से किया आगाज

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PM Modi Announcement For Semiconductor Chips: आज पूरे देश में स्वतंत्रता दिवस का पर्व जोरों शोरों से मनाया जा रहा है। इस मौके पर हर साल की ही तरह इस साल भी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से देश को संबोधित किया है। इस दौरान उन्होंने स्वतंत्रता दिवस को 140 करोड़ संकल्पों का महावर्व बताया है। इस साल अपने भाषण में उन्होंने टेक्निकल प्रोग्रेस, एनर्जी डिप्डेंसी और आने वाले सालों के भारत के विजन को लेकर विस्तार से चर्चा की है।

पीएम मोदी ने दिया कौन सा संदेश?
प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि जब हम टेक्नोलॉजी के विभिन्न आयामों की बात करते हैं, तो मैं आपका ध्यान सेमीकंडक्टर यानी एआई चिप्स की ओर आकर्षित करना चाहता हूं। 50-60 साल पहले भारत में सेमीकंडक्टर प्रोडक्शन के विचार शुरू हुए थे, फाइलें भी बनीं, लेकिन वे अटक गईं, लटक गईं। सेमीकंडक्टर की सोच की ही भ्रूण हत्या हो गई। इस दौरान कई देश सेमीकंडक्टर में महारत हासिल कर ग्लोबल सुपरपावर बन गए। उन्होंने बताया कि अब भारत मिशन मोड में इस दिशा में आगे बढ़ रहा है। 6 सेमीकंडक्टर यूनिट्स की नींव रखी जा चुकी है। इस साल के अंत तक ‘मेड इन इंडिया’ चिप्स यानी भारत में बनी हुई, भारत के लोगों द्वारा बनी हुई चिप्स बाजार में आ जाएंगी।

पीएम मोदी ने कहा कि भारत को अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए अभी भी कई देशों पर निर्भर रहना पड़ता है, जिसके लिए पेट्रोल, डीजल और गैस पर लाखों-करोड़ों रुपए खर्च होते हैं। उन्होंने कहा कि अगर हम ऊर्जा में आत्मनिर्भर होते, तो ये धन देश के युवाओं और गरीबी दूर करने में लगाया जा सकता था। उन्होंने बताया कि पिछले 11 वर्षों में सोलर एनर्जी प्रोडक्शन में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, नए बांधों के जरिए हाइड्रो पावर का विस्तार हो रहा है और मिशन ग्रीन हाइड्रोजन के तहत हजारों करोड़ रुपए का निवेश हो रहा है। इसके साथ ही, 10 नए परमाणु रिएक्टर कार्यरत हैं और 2047 तक परमाणु ऊर्जा क्षमता को 10 गुना से अधिक बढ़ाने का लक्ष्य है। इसके लिए प्राइवेट सेक्टर के लिए भी परमाणु ऊर्जा के द्वार खोल दिए गए हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि हमने यह तय किया कि हम 2030 तक हम क्लीन एनर्जी लाएंगे। हम अपने संकल्प को 50 प्रतिशत पूरा कर चुके हैं। बजट का एक बड़ा हिस्सा पेट्रोल, गैस लाने में खर्च होता है। अगर हम ऊर्जा में निर्भर न होते तो वो धन देश के युवाओं, गरीबी दूर करने के लिए काम आता। अब हम आत्मनिर्भर बनने की दिशा में बढ़ रहे हैं। हम अब समुद्र मंथन की ओर जा रहे हैं। हम समुद्र के भीतर तेल और गैस भंडार खोजने की दिशा में काम कर रहे हैं। भारत नया मिशन शुरू करने जा रहा है।

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