उज्जैन। शनि जयंती (Shani Jayanti) का पर्व हर साल ज्येष्ठ महीने की अमावस्या (Amavasya) को मनाया जाता है। यह दिन भगवान शनिदेव के जन्मोत्सव के रूप में भक्त बड़े उत्साह से मनाते हैं। इस साल यह (Shani jayanti 2025) आज यानी 27 मई को मनाया जा रहा है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से शनिदेव की पूजा करने से व्यक्ति को शनि दोष के बुरे प्रभाव से मुक्ति मिलती है।
शनि जयंती 2025 पूजा मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, ब्रह्म मुहूर्त 27 मई 2025, सुबह 04 बजकर 03 मिनट से सुबह 04 बजकर 44 मिनट तक रहेगा। अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 36 मिनट से 03 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। गोधूलि मुहूर्त शाम 07 बजकर 11 मिनट से 07 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। सुबह सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा।
इसके साथ ही रात 10 बजकर 54 मिनट तक सुकर्मा योग का संयोग बन रहा है। फिर सुबह 08 बजकर 31 मिनट तक शिववास योग रहेगा। इस दौरान आप किसी भी तरह का मांगलिक काम कर सकते हैं।
शनि जयंती पूजा विधि
इस दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान करें।
नीले रंग के कपड़े पहनें।
पूजा शुरू करने से पहले हाथ में जल और काले तिल लेकर शनिदेव की पूजा का संकल्प लें।
घर या शनि मंदिर में जाकर शनिदेव की पूजा करें।
शनिदेव को सरसों का तेल बहुत प्रिय है।
इसलिए उनका तेल से अभिषेक करें।
तिल के तेल का दीपक जलाएं।
शनिदेव को नीले रंग के फूल, जैसे अपराजिता व शमी के फूल अर्पित करें।
इसके साथ ही, उन्हें काला उड़द, काले तिल, लोहा, और गुड़ से बनी चीजें अर्पित करें।
“ॐ शं शनैश्चराय नमः” या “ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नमः” मंत्र का 108 बार भक्ति भाव से जप करें।
सुबह पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और शाम सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
इस दिन वाणी और व्यवहार में पवित्रता बनाए रखें।
किसी का अनादर न करें, झूठ न बोलें और किसी को परेशान न करें।
शनि जयंती 2025 पूजा मंत्र (Shani jayanti 2025 Puja Mantra)
1. ॐ नीलांजन समाभासं रवि पुत्रं यमाग्रजम ।

छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम ।।
2. सुर्यपुत्रो दीर्घदेहो विशालाक्ष: शिवप्रिय: ।
दीर्घचार: प्रसन्नात्मा पीडां हरतु मे शनि: ।।
तन्नो मंद: प्रचोदयात ।।