नई दिल्लीः दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी बड़ी हार की तरफ बढ़ रही है। शीशमहल और कथित शराब घोटाले के सामने स्कूल-अस्पताल का मुद्दा हवा हो गया। यही कारण है कि आम आदमी पार्टी के दिग्गज नेताओं की भी हार हुई है। चुनावी रुझान अब धीरे-धीरे फाइनल रिजल्ट में तब्दील हो रहे हैं। इस बीच दिल्ली चुनाव का पहला बड़ा उलटफेर हो गया है।
दिल्ली की VIP सीट बन चुकी जंगपुरा से पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया चुनाव हार गए हैं। यहां से बीजेपी के तरविंदर सिंह मारवाह ने चुनाव जीत लिया है। आप ने सिसोदिया को पटपड़गंज की जगह जंगपुरा से टिकट दिया था। यहां उनका मुकाबला बीजेपी प्रत्याशी तरविंदर सिंह मारवाह से है और कांग्रेस की ओर से दिल्ली के पूर्व मेयर फरहाद सूरी ने चुनाव लड़ा।
बता दें कि मनीष सिसोदिया आप सरकार में डिप्टी सीएम थे। उन्हीं के पास शिक्षा मंत्रालय था। इसके बावाजूद सिसोदिया चुनाव हार गए हैं। इससे पहले वह दो बार पड़पड़गंज विधानसभा सीट से चुनाव जीते थे। 2020 के चुनाव में मामूली वोटों से जीते थे। इसलिए इस बार उन्होंने अपनी सीट बदल दी। लेकिन जंगपुरा सीट पर भी उनकी दाल नहीं गली। वहीं पड़पड़गंज विधानसभा सीट से अवध ओझा भी चुनाव हार गए हैं। सिसोदिया को भाजपा प्रत्याशी तरविंदर सिंह मरवाह ने हराया है। यहां चुनाव त्रिकोणीय हो गया था। कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी फरहाद सूरी तीसरे नंबर रहे।

कैसे बनी थी दिल्ली में केजरीवाल की सरकार
2013 में अन्ना आंदोलन से निकली आप ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जमकर प्रचार किया। इसके बाद दिल्ली में कांग्रेस खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगे और कांग्रेस की सरकार दिल्ली की सत्ता से बाहर हो गई। अब एक बार कुछ ऐसी ही परिस्थितियां अरविंद केजरीवाल के सामने आ खड़ी हुई है। इनके कई नेता के ऊपर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। पार्टी के कई नेता कथित शराब घोटाले मामले में जेल जा चुके हैं। सभी जमानत पर बाहर हैं। ऐसे उनके लिए इस बार सत्ता की राह कठिन दिखती नजर आ रही है।