51 साल के हुए श्रीलंका के महान गेंदबाज मुथैया मुरलीधरन, भारत से मिली हार के बाद लिया संन्यास, जानें कैसा रहा उनका करियर

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नई दिल्ली: श्रीलंका (Sri Lanka) के महान खिलाड़ियों में से एक मुथैया मुरलीधरन (Muttiah Muralitharan Birthday) आज अपना 51वां जन्मदिन मना रहे हैं। मुथैया मुरलीधरन श्रीलंका ने महान गेंदबाजों में से एक हैं। उन्होंने क्रिकेट के दुनिया में कई बड़े रिकार्ड्स अपने नाम पर दर्ज किए है। मुथैया मुरलीधरन (Muttiah Muralitharan) की गेंद को खेल पाना अक्सर बल्लेबाजों के लिए मुश्किल भरा रहा है। उन्होंने 22 जुलाई 2010 में अपने अंतिम टेस्ट मैच की अपनी अंतिम गेंद पर अपना 800वां और अंतिम विकेट लेकर 2010 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया। मुरली के नाम 18 विश्‍व रिकॉर्ड दर्ज हैं। तो चलिए अजा जानते हैं ऐसी ही महान खिलाड़ी के बारे में कुछ खास बातें…

मुरलीधरन (Muttiah Muralitharan) का जन्म 17 अप्रैल 1972 को श्रीलंका (Sri Lanka) के कैंडी शहर में हुआ। इस महान खिलाड़ी के पूर्वज भारत के तमिलनाडु से जाकर श्रीलंका में बस गए। मुरलीधरन की पत्नी भी तमिलनाडु की रहने वाली हैं। दो दशक तक मुरलीधरन ने दुनिया के दिग्गज बल्लेबाजों को अपनी फिरकी पर नचाया।

मुथैया मुरलीधरन (Muttiah Muralitharan) ने साल 1992 में अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने अपने करियर का पहला मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था। वहीं, अपने करियर का आखिरी मैच भारत के खिलाफ खेला था। अक्सर मुरलीधरन की बराबरी मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के साथ की जाती थी। दोनों ही खिलाड़ी बेहतरीन क्रिकेट खेलते थे।

श्रीलंका के इस महान गेंदबाज के नाम टेस्ट क्रिकेट में 800 और वनडे इंटरनेशनल में 534 विकेट हैं। दोनों प्रारूपों में वह सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। हालांकि, उनके बॉलिंग एक्शन के चलते विवादों में रहे है। साल 1995 में भी कुछ ऐसा ही हुआ था। 1995 में उनके गेंदबाजी एक्शन को नो-बॉल तक करार दिया जाने लगा। साल 1995 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए टेस्ट मैच के दौरान अंपायर डेरल हेयर लगातार मुरली की गेंदों को नो-बॉल करार दे रहे थे। उनके ‘दूसरा’ गेंद को भी अवैध गेंद बताया गया, लेकिन बाद में वे इससे मुक्त हो गए। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

साल 2011 में आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप के फ़ाइनल में मिली हार के बाद ही उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट संन्यास लेने का ऐलान कर दिया था। इस दौरान भारत ने 28 साल बाद वर्ल्ड कप पर कब्जा जमाया।

मुरलीधरन (Muttiah Muralitharan) ने सबसे अधिक 67 बार टेस्ट की एक पारी में 5 या इससे ज्यादा विकेट हासिल किये हैं। इतना ही नहीं टेस्ट में मैच में उन्होंने 22 बार 10 या उससे अधिक विकेट चटकाए हैं। मुरलीधरन ने 133 टेस्ट मैचों में 800 विकेट हासिल किये हैं। साथ ही वनडे की बात की जाए तो 350 वनडे मैचों में मुथैया ने 534 विकेट अपने नाम किया है। टी-20 के 12 मैचों में उन्होंने 13 विकेट हासिल किया है। जबकि आईपीएल में 66 मैचों में 63 विकेट मुरलीधरन ने लिए हैं। वनडे और टेस्ट में मुरलीधरन के सर्वाधिक विकेटों का विश्व रिकॉर्ड आज भी कायम है।

मुरलीधरन के 18 वर्ल्‍ड रिकॉर्ड

टेस्‍ट क्रिकेट में सबसे ज्‍यादा 800 विकेट।
वनडे क्रिकेट में सबसे ज्‍यादा 534 विकेट।
नॉन विकेटकीपर फील्‍डर के साथ सबसे सफल जोड़ी। 77 कैच लिए महेला जयवर्धने ने मुरली की गेंदों पर।
टेस्‍ट और वनडे में मिलाकर सबसे ज्‍यादा 1334 विकेट।
टेस्‍ट क्रिकेट में सबसे ज्‍यादा 67 बार पारी में पांच या ज्‍यादा विकेट लेने का करिश्‍मा।
टेस्‍ट में सबसे ज्‍यादा 22 बार मैच में दस या ज्‍यादा विकेट।
सभी टेस्‍ट प्‍लेइंग नेशन के खिलाफ मैच में दस या ज्‍यादा विकेट।
टेस्‍ट क्रिकेट में मैचों के हिसाब से सबसे तेज 350, 400, 450, 500, 550, 600, 650, 700, 750 और 800 विकेट।
टेस्‍ट क्रिकेट में लगातार चार मैचों में दस या उससे ज्‍यादा विकेट।
सभी टेस्‍ट प्‍लेइंग नेशन के खिलाफ 50 से ज्‍यादा टेस्‍ट विकेट।
सबसे ज्‍यादा पांच देशों के खिलाफ टेस्‍ट पारी में सात विकेट।
सबसे ज्‍यादा 157 बल्‍लेबाजों को टेस्‍ट क्रिकेट में बोल्‍ड किया।
टेस्‍ट क्रिकेट में सबसे ज्‍यादा 41 शिकार स्‍टंपिंग के जरिये।
टेस्‍ट क्रिकेट में दो बार पारी में नौ विकेट लेने का संयुक्‍त रिकॉर्ड।
सबसे ज्‍यादा 31 कॉट एंड बोल्‍ड विकेट टेस्‍ट क्रिकेट में।
सबसे ज्‍यादा 18 मैन ऑफ द मैच टेस्‍ट में संयुक्‍त रिकॉर्ड।
किसी एक मैदान पर 100 विकेट। सिंहलीज स्‍पोटर्स क्‍लब ग्राउंड कोलंबो में।
तीन कैलेंडर ईयर में 75 से ज्‍यादा विकेट लेने वाले इकलौते गेंदबाज।

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