पटना: राज्य में नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर गांधी मैदान में तैयारियां जोर पकड़ चुकी हैं। सोमवार को जिला प्रशासन, पुलिस विभाग, नगर निगम और विभिन्न एजेंसियों की संयुक्त टीम ने स्थल पर पहुंचकर व्यवस्थाओं की समीक्षा की। भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए पूरे मैदान को कई जोन में विभाजित किया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने समारोह के संचालन के लिए 25 बिहार प्रशासनिक सेवा (BAS) अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की है, जिनमें से पांच अधिकारी विशेष अतिथियों के प्रबंधन में लगाए गए हैं।
मुख्य मंच का निर्माण वीवीआईपी सुरक्षा मानकों के तहत किया जा रहा है। इसके साथ ही मैदान में बैरिकेडिंग, विशेष अतिथियों के लिए अलग मार्ग, मीडिया जोन तथा आगंतुकों की बैठने की व्यवस्था को अंतिम रूप दिया जा रहा है। पंडाल, साउंड सिस्टम और लाइटिंग की जिम्मेदारी विभिन्न एजेंसियों को दी गई है। सोमवार को प्रमंडलीय आयुक्त अनिमेश कुमार पराशर, रेंज आईजी जितेन्द्र राणा और जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एस.एम. ने मैदान का निरीक्षण किया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। दिनभर पंडाल निर्माण से संबंधित सामग्री उतारी जाती रही।
नगर निगम की टीमों ने पूरे मैदान में सफाई अभियान चलाया। पेयजल स्टॉल, मोबाइल टॉयलेट, फायर सेफ्टी उपकरण और अन्य सार्वजनिक सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। प्रशासन का कहना है कि समारोह को भव्य, सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से आयोजित करने हेतु सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ काम कर रहे हैं। समारोह में बड़ी संख्या में राजनीतिक प्रतिनिधि, गणमान्य व्यक्ति और आमजन के शामिल होने की संभावना है।

गांधी मैदान में शपथ ग्रहण समारोह दस वर्ष बाद हो रहा है। इससे पहले 2015 में यहां समारोह आयोजित हुआ था, जिसमें कई राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए थे। एनडीए सरकार बनने के बाद नीतीश कुमार ने पहली बार वर्ष 2005 में गांधी मैदान में शपथ ली थी। वर्ष 2010 और 2015 में भी यहां शपथ ग्रहण समारोह हुए। वर्ष 2020 में कोरोना संक्रमण के कारण शपथ ग्रहण राजभवन में आयोजित किया गया था।
शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए पटना जिलाधिकारी ने जिले के सभी अधिकारियों के अवकाश पर 20 नवंबर तक रोक लगा दी है। जिला, अनुमंडल, प्रखंड स्तर के सभी पदाधिकारी, तकनीकी पदाधिकारी और पर्यवेक्षक स्तर के अधिकारी इस अवधि में अवकाश नहीं ले सकेंगे। विशेष परिस्थिति में अवकाश की जरूरत होने पर अधिकारी को स्पष्ट कारण बताते हुए आवेदन वरीय प्रभारी के माध्यम से जिलाधिकारी कार्यालय में भेजना होगा। अनुमति मिलने के बाद ही मुख्यालय छोड़ने की इजाज़त होगी।