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आश्विन मास

यहाँ पुरखों के मोक्ष के लिए ‘कौआ भोज’

नई दिल्ली: इसे अंधविश्वास माना जाए या फिर कुछ और कि आम दिनों में घर की खपरैल पर 'कौआ' की हाजिरी को बुंदेली अशुभ मान इन्हें 'हाड़ी' कह कर दुत्कारते हैं, पर पितृ पक्ष में एक पखवाड़ा इन्हीं कौओं से 'दाई-बाबा' का रिश्ता कायम कर पूर्वजों के…
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श्राद्ध के लिए सर्वोत्तम स्थान है गया

वैदिक परंपरा और हिन्दू मान्यताओं के अनुसार पितरों के लिए श्रद्धा से श्राद्ध करना एक महान और उत्कृष्ट कार्य है। मान्यता के मुताबिक पुत्र का पुत्रत्व तभी सार्थक माना जाता है जब वह अपने जीवन काल में जीवित माता-पिता की सेवा करें और उनके…
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पूर्वजों के प्रति श्रद्धा का महापर्व है पितृपक्ष

नई दिल्ली: प्रतिवर्ष आश्विन मास में प्रौष्ठपदी पूर्णिमा से ही श्राद्ध आरंभ हो जाते है। इन्हें सोलह श्राद्ध भी कहते हैं। श्राद्ध महापर्व आठ सितंबर से शुरू हो रहा है। यह 23 सितंबर तक सर्वपितृ श्राद्ध तक चलेगा। 10 सिंतबर को केवल स्नान-दान की…
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