आवारा कुत्तों का आतंक! 7 साल की मासूम को काटा, 1 महीने बाद बच्ची ने तोड़ा दम

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नई दिल्ली: केरल के कोल्लम जिले में एक सात साल की बच्ची निया फैसल की रेबीज संक्रमण के कारण मौत हो गई। उसे एंटी-रेबीज वैक्सीन की तीन डोज़ दी गई थीं, फिर भी उसकी जान नहीं बच पाई। यह राज्य में पिछले एक महीने में रेबीज से किसी बच्चे की तीसरी मौत है, जिससे आवारा कुत्तों के हमलों को लेकर चिंता गहरी हो गई है।

कुत्ते के काटने के बाद भी न बच सकी बच्ची की जान
निया को 8 अप्रैल को एक आवारा कुत्ते ने तब काटा जब वह घर के बाहर खेल रही थी। इलाज के दौरान उसे एंटी-रेबीज वैक्सीन की तीन डोज़ दी गईं, लेकिन बाद में उसे बुखार हो गया और जांच में रेबीज की पुष्टि हुई। इसके बाद उसे तिरुवनंतपुरम के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

कुत्ते ने गर्दन, चेहरे और हाथ पर किया था हमला
डॉक्टरों के अनुसार, निया को जिन जगहों पर काटा गया था, वहां नसों का घनत्व ज्यादा होता है, जैसे गर्दन, चेहरा और हाथ। इन हिस्सों में काटने से रेबीज वायरस मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी तक जल्दी पहुंच सकता है, जिससे वैक्सीनेशन का असर होने से पहले ही वायरस मस्तिष्क पर असर डाल सकता है।

नए नियमों की जरूरत पर जोर
इस घटना के बाद, केरल के लोकल सेल्फ गवर्नमेंट मंत्री एमबी राजेश ने कहा कि केंद्र सरकार के एनिमल बर्थ कंट्रोल (ABC) नियमों में बदलाव की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में केवल अनुभवी डॉक्टर ही ऑपरेशन कर सकते हैं और कुत्ते को पकड़े जाने के बाद फिर से उसी स्थान पर छोड़ दिया जाता है, जिससे समस्या खत्म होने के बजाय बढ़ सकती है।

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