संसद में पेश हुआ 130वां संविधान संशोधन बिल 2025, 30 दिन की गिरफ्तारी पर प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री को छोड़ना होगा पद

अरविंद केजरीवाल और सेंथिल बालाजी के मामलों के बाद आया बिल, अनुच्छेद 75, 164 और 239AA में संशोधन का प्रस्ताव

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नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज लोकसभा में तीन अहम विधेयक पेश किए—130वां संविधान संशोधन विधेयक 2025, गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज संशोधन विधेयक 2025 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025। इन विधेयकों में प्रावधान है कि यदि केंद्रीय मंत्रिपरिषद का कोई मंत्री, मुख्यमंत्री या किसी राज्य सरकार का मंत्री ऐसे गंभीर अपराध में गिरफ्तार होता है, जिसकी सजा कम से कम पांच वर्ष हो सकती है, और उसे लगातार 30 दिनों तक हिरासत में रखा जाता है, तो 31वें दिन से उसका पद स्वतः समाप्त हो जाएगा। यह प्रावधान प्रधानमंत्री और गृह मंत्री जैसे वरिष्ठ केंद्रीय मंत्रियों पर भी समान रूप से लागू होगा।
अब तक के नियमों में किसी मुख्यमंत्री या मंत्री की गिरफ्तारी अथवा जेल जाने की स्थिति में पद छोड़ने का कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं था। हालांकि, आज इन विधेयकों पर मतदान नहीं हुआ है और इन्हें आगे की चर्चा के लिए संसद की सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा गया है।

राजनीति में ऐसे कई उदाहरण हैं, जिनसे इस नए बिल की अहमियत स्पष्ट होती है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले के मामले में 156 दिन तक तिहाड़ जेल में बंद रहे, फिर भी उन्होंने पद नहीं छोड़ा। इसी तरह तमिलनाडु सरकार के मंत्री सेंथिल बालाजी आठ महीने तक जेल में रहने के बावजूद मंत्री पद पर बने रहे। अंततः सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणियों के बाद ही उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।

संसद में पेश हुए तीन अहम विधेयक
आज संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 130वां संविधान संशोधन विधेयक 2025, केंद्र शासित प्रदेश संशोधन विधेयक 2025 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025 पेश किए।

130वां संविधान संशोधन विधेयक 2025 – किन पर लागू होगा?
यह प्रावधान प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों और राज्यों के मंत्रियों पर लागू होगा। यदि इनमें से कोई भी ऐसे अपराध में गिरफ्तार होता है, जिसकी सजा 5 वर्ष या उससे अधिक हो सकती है, और वह लगातार 30 दिन तक हिरासत में रहता है, तो 31वें दिन से उसे पद छोड़ना अनिवार्य होगा।

पहले क्या प्रावधान था?
अब तक संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं था कि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री जेल जाने पर अपने आप पद छोड़ें। इस्तीफा देना केवल व्यक्तिगत या राजनीतिक दबाव का मामला होता था।

किन अनुच्छेदों में संशोधन?

  • अनुच्छेद 75 : प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रिपरिषद की नियुक्ति

  • अनुच्छेद 164 : मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद की नियुक्ति

  • अनुच्छेद 239AA : दिल्ली के मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद से संबंधित प्रावधान

 

इस संशोधन की जरूरत क्यों पड़ी?
हाल के कुछ राजनीतिक घटनाक्रमों ने इस कानून की आवश्यकता को और स्पष्ट कर दिया।

  • दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले में 156 दिन तक तिहाड़ जेल में रहे, लेकिन उन्होंने पद से इस्तीफा नहीं दिया।

  • तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी आठ महीने तक जेल में रहने के बावजूद पद पर बने रहे और अंततः सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।

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