तवांग झड़प पर ‘ड्रैगन’ का दोगलापन, विवाद के लिए भारत को ही बताया जिम्‍मेदार

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नई दिल्ली. जहां एक तरफ बीते 9 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के तवांग सेक्टर (Tawang) के यांगत्से क्षेत्र में LAC पर हुई झड़प में भारतीय सेना ने चीनी सैनिकों (India-China Row) को पीछे खदेड़ दिया था। वहीं मिली जानकारी के अनुसार इसमें भारत के 6 जवान घायल हुए हैं। जबकि, चीन के 20 सैनिक घायल हुए हैं।

वहीं भारत के इस ताबड़तोड़ जवाबी हमले के बाद बीते 11 दिसंबर को फ्लैग मीटिंग हुई और यह मसला शांत हुआ। वहीं विवाद वाली जगह से फिलहाल दोनों देशों की सेनाएं अब हट गई हैं। साथ ही चीन को ऐसे एक्शन के लिए मना किया गया और शांति बनाए रखने को कहा। कूटनीतिक स्तर पर भी यह महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया गया। उधर चीनी सेना PLA के वरिष्ठ अधिकारी और वेस्टर्न थिएटर कमांड के प्रवक्ता लॉन्ग शाओहुआ ने उक्ते भारत को ही कुसूरवार ठहराते हुए कहा कि, भारतीय सैनिकों ने अवैध तरीके से बॉर्डर क्रॉस किया और चीनी सैनिकों के रास्ते में आए, जिससे दोनों ओर से विवाद बढ़ गया। हमने पेशेवर तरीके से मानकों के तहत मजबूत जवाबी कार्रवाई की, जिसके बाद सीमा पर हालात स्थिर हुए हैं। वहीं इस झड़प के बाद इंडियन एयरफोर्स (IAF) ने अरुणाचल सीमा पर कॉम्बैट एयर पेट्रोलिंग, यानी जंगी उड़ानें शुरू कर दी हैं। तवांग में हुई झड़प से पहले भी चीन ने अरुणाचल सीमा में अपने ड्रोन भेजने की कोशिश की थी। इसके बाद IAF ने तुरंत अपने लड़ाकू विमान अरुणाचल सीमा पर तैनात किए थे।

जानकारी हो कि, बीते साल 2021 में इसी क्षेत्र में 200 चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की कोशिश की थी। तब भी भारतीय सैनिकों ने इसे नाकाम कर दिया था। दरअसल 15 जून 2020 को लद्दाख के गलवान घाटी में दोनों सेनाओं के बीच झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे, जबकि चीन के 38 सैनिक भी मारे गए थे। हालांकि, चीन की PLA ने केवल 4 सैनिक मारे जाने की बात ही कबूली थी।

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