‘आतंकवाद के खिलाफ मानवता की जीत का स्वर्णिम अध्याय है ऑपरेशन सिंदूर’- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

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नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) आतंकवाद (Terrorism) के खिलाफ मानवता की लड़ाई का एक स्वर्णिम अध्याय है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वदेशी आकाशतीर एयर डिफेंस (Air Defense) और रिपोर्टिंग प्रणाली के निर्माण में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के योगदान की तारीफ की। आकाशतीर एयर डिफेंस सिस्टम ने भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

स्कोप एमिनेंस अवार्ड्स (Scope Eminence Awards) को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने साल 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों की भूमिका पर बात की। राष्ट्रपति ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों ने राजस्व और लाभ सहित प्रमुख वित्तीय मानकों पर अच्छा प्रदर्शन किया है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि तीन-चौथाई सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम लाभ कमा रहे हैं, और पिछले दशक के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों का शुद्ध लाभ काफी बढ़ा है।

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि सार्वजनिक उद्योगों ने सुशासन और पारदर्शिता के क्षेत्र में मानक स्थापित किए हैं। राष्ट्रपति ने मेक इन इंडिया अभियान की अहमियत पर कहा ‘सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में प्रभावशाली भूमिका निभा रहे हैं।’ देश के रक्षा क्षेत्र का विशेष उल्लेख करते हुए, उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आतंकवादी शिविरों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया और भारत पर हमले के प्रयासों को विफल कर दिया। स्वदेशी आकाशतीर एयर डिफेंस सिस्टम ने अचूक क्षमता का प्रदर्शन किया। सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों ने इस प्रणाली के निर्माण में योगदान दिया है। यह उनके लिए बहुत गर्व की बात है।’

राष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि नवाचार और भारत की बढ़ती तकनीकी विशेषज्ञता से राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने में सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों का बड़ा योगदान है। सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों ने कृषि, खनन और अन्वेषण, विनिर्माण, प्रसंस्करण और सेवाओं सहित कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मुर्मू ने आगे बताया कि महिलाओं के नेतृत्व वाला विकास सरकार की राष्ट्रीय प्राथमिकताओं में से एक है, लेकिन उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि महिला नेताओं को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।

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