‘सबसे ताकतवर लॉबी अब कमजोर…’, इजरायल को लेकर ट्रंप का चौंकाने वाला बयान

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Trump on Israel: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्हें हैरानी है कि कांग्रेस में कभी इजरायल की सबसे प्रभावशाली मानी जाने वाली लॉबी अब पहले जैसी ताक़तवर नहीं रही। उन्होंने यह टिप्पणी उस समय की जब अमेरिका में डेमोक्रेट और रिपब्लिकन, दोनों ही दलों के नेता गाजा पर इजारायली सेना के हमलों की आलोचना कर रहे हैं। डेली कॉलर को दिए ओवल ऑफिस इंटरव्यू में ट्रंप ने पिछले 20 सालों में आए बदलाव पर बात की। उन्होंने कहा, “करीब दो दशक पहले, कांग्रेस में इज़रायल की लॉबी सबसे मजबूत हुआ करती थी। आज वह वैसी स्थिति में नहीं है, और यह वाकई चौंकाने वाली बात है।”

अमेरिकी राजनीति का रुख बदला
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि समय के साथ इजरायल को लेकर अमेरिकी राजनीति का रुख बदल गया है। करीब 15 साल पहले इज़रायल की लॉबी बेहद मजबूत मानी जाती थी, लेकिन अब उसकी स्थिति कमजोर हो चुकी है। उन्होंने इज़रायल के समर्थन में अपने कामकाज का जिक्र करते हुए कहा, “इजरायल शानदार है। मुझे वहां से अच्छा समर्थन मिलता रहा है। इजरायल के लिए जितना मैंने किया है, उतना किसी और ने नहीं किया, इसमें ईरान पर हालिया हमले भी शामिल हैं।”

सदस्यों में विरोध की भावना बढ़ी
डोनाल्ड ट्रंप का बयान ऐसे समय पर सामने आया है जब देश में इज़रायल के खिलाफ आलोचना बढ़ती नज़र आ रही है। मार्च में हुए प्यू (Pew) सर्वे में खुलासा हुआ कि 53% युवा इज़रायल के कदमों का समर्थन नहीं करते, जबकि 2022 में यह आंकड़ा 42% था। वहीं, 50 साल से कम उम्र के रिपब्लिकन सदस्यों में भी विरोध की भावना बढ़ी है। 2022 में जहां 35% लोग नकारात्मक राय रखते थे, वहीं अब यह संख्या बढ़कर 50% हो गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस बदलाव की पुष्टि करते हुए कहा कि हां, मैं इससे अवगत हूं। ट्रंप ने 7 अक्टूबर को इज़राइल में हुए हमलों की गंभीरता पर जोर देते हुए़ कहा, “7 अक्टूबर का दिन वास्तव में बेहद भयावह था। मैंने उसकी तस्वीरें देखी हैं और वह सचमुच बहुत ही बुरा दिन था।”

भुगतना पड़ रहा खामियाजा
अमेरिकी राष्ट्रपति ने चेताया कि अगर घटनाओं को नकारा गया तो हालात और धारणाएं और भी खराब हो सकती हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “कुछ लोग पूरी तरह से इनकार करते हैं कि यह सब कभी हुआ ही नहीं। वे मानते ही नहीं कि नरसंहार हुआ है। लेकिन असलियत यह है कि इस युद्ध को रोकना ज़रूरी है। इज़रायल को भी इसका खामियाज़ा भुगतना पड़ रहा है, इसमें दो राय नहीं। जंग के मैदान में भले ही वे बढ़त बना लें, लेकिन जनता की राय और पब्लिक इमेज के स्तर पर वे लगातार पिछड़ रहे हैं, और यही उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गई है।

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