छोटी बचत योजना दे रही है सबसे ज्यादा ब्याज — न PPF, न NSC, बल्कि यह है… जानिए निकासी, ट्रांसफर और मैच्योरिटी के Rules
नई दिल्ली: क्या आप सुरक्षित निवेश विकल्पों की तलाश में हैं जो स्थिर रिटर्न दें? छोटी बचत योजनाएं (Small Savings Schemes) आपके लिए बेहतरीन विकल्प हो सकती हैं। ये सरकारी योजनाएं लंबे समय से निवेशकों का भरोसा जीत चुकी हैं क्योंकि इनमें बाजार के उतार-चढ़ाव का कोई जोखिम नहीं होता। लेकिन सबसे जरूरी है यह जानना कि कौन-सी योजना पर कितना ब्याज मिल रहा है, ताकि आप अपने निवेश से अधिकतम लाभ उठा सकें।
सुकन्या समृद्धि योजना दे रही है सबसे अधिक 8.2% ब्याज
ताज़ा अपडेट के अनुसार, सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) छोटी बचत योजनाओं में सबसे अधिक 8.2% ब्याज दे रही है। सरकार ने यह भी घोषणा की है कि पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) और सुकन्या समृद्धि जैसी लोकप्रिय योजनाओं की ब्याज दरें वित्त वर्ष 2025-26 की तीसरी तिमाही के लिए अपरिवर्तित रहेंगी।
छोटी बचत योजनाओं के मुख्य बिंदु
PPF ब्याज दर: सरकार की ताज़ा अधिसूचना के अनुसार, पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) की ब्याज दर अक्टूबर–दिसंबर तिमाही (वित्त वर्ष 2025-26) के लिए 7.1% है।
NSC ब्याज दर: नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) पर ब्याज दर 7.7% बनी हुई है।

सुकन्या समृद्धि टैक्स लाभ: सुकन्या समृद्धि योजना को EEE (Exempt-Exempt-Exempt) श्रेणी में रखा गया है। इसका मतलब है कि आपकी जमा राशि, अर्जित ब्याज और निकासी — तीनों ही आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत पूरी तरह टैक्स-फ्री हैं।
कौन सुकन्या समृद्धि योजना खाता खोल सकता है?
केवल माता-पिता या कानूनी अभिभावक ही यह खाता खोल सकते हैं और यह केवल 10 वर्ष से कम उम्र की लड़की के नाम पर खोला जा सकता है।
कहां खोला जा सकता है खाता?
आप यह खाता किसी भी डाकघर या अधिकृत बैंकों जैसे SBI, HDFC बैंक, ICICI बैंक आदि में खोल सकते हैं।
निकासी, ट्रांसफर और मैच्योरिटी के नियम
- यदि लड़की की 18 वर्ष की आयु के बाद शादी हो जाती है, तो खाता समय से पहले बंद किया जा सकता है।
- खाता भारत में किसी भी डाकघर या बैंक में ट्रांसफर किया जा सकता है।
- यह खाता खुलने की तारीख से 21 वर्ष में परिपक्व (mature) होता है, जिससे दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
क्या सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश टैक्स-फ्री है?
हाँ, सुकन्या समृद्धि योजना पूरी तरह टैक्स-फ्री है। यह EEE श्रेणी में आती है — यानी जमा की गई राशि, अर्जित ब्याज और मैच्योरिटी पर निकासी — तीनों पर कोई कर नहीं लगता। साथ ही, निवेश की गई राशि आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत कटौती (deduction) के लिए पात्र होती है।