नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई NDA मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों की अहम बैठक में एक ओर जहां ऑपरेशन सिंदूर में सेना के पराक्रम और सरकार के नेतृत्व की सराहना की गई, वहीं दूसरी ओर पीएम मोदी ने नेताओं को सख्त संदेश देते हुए गैरजरूरी बयानबाजी से बचने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि हर मुद्दे पर प्रतिक्रिया देना जरूरी नहीं होता और ऐसी बातें पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा सकती हैं। बैठक में जाति जनगणना, सुशासन, नक्सलवाद, आत्मनिर्भर भारत, बिहार चुनाव और इमरजेंसी जैसे मुद्दों पर भी व्यापक चर्चा हुई।
बैठक में 20 मुख्यमंत्री और 18 उपमुख्यमंत्री शामिल हुए, जिसमें विभिन्न राज्यों के सुशासन मॉडल पर प्रस्तुति दी गई। साथ ही, 25-26 जून को आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर लोकतंत्र विरोधी कृत्यों का पर्दाफाश करने की रणनीति बनाई गई। पीएम मोदी ने स्वदेशी रक्षा तकनीक की सफलता की सराहना करते हुए राज्यों को भी राष्ट्रीय लक्ष्यों से जुड़ा दूरदर्शी विजन डॉक्युमेंट तैयार करने को कहा।
नेताओं की बयानबाजी पर पीएम की सख्त चेतावनी
बैठक में प्रधानमंत्री ने पार्टी नेताओं द्वारा हालिया विवादास्पद बयानों पर नाराजगी जताई और साफ कहा कि नेताओं को बोलते समय संयम बरतना चाहिए। उन्होंने साफ किया कि पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर अनावश्यक टिप्पणी करना पार्टी की साख को नुकसान पहुंचा सकता है। इस संदर्भ में उन्होंने कुछ नेताओं द्वारा दिए गए बयानों की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसी भाषा से जनता भ्रमित होती है और पार्टी की छवि बिगड़ती है।
जाति जनगणना, नक्सलवाद और सुशासन रहे प्रमुख एजेंडा
बैठक में जाति जनगणना पर भी चर्चा हुई जहां पीएम ने इसे विकास के साथ सामाजिक संतुलन की दिशा में उठाया गया जरूरी कदम बताया। उन्होंने कहा कि सरकार समाज के हर वर्ग को मुख्यधारा में लाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अलावा नक्सलवाद पर चल रहे अभियान की समीक्षा हुई और बताया गया कि किस तरह सुरक्षा बलों ने बड़े इलाकों को माओवादी प्रभाव से मुक्त कराया है। सुशासन के मॉडल, आत्मनिर्भर भारत की दिशा में प्रगति और बिहार चुनाव की तैयारियों पर भी रणनीति बनी।