Oracle Founder Larry Ellison: ओरेकल के फाउंडर और दुनिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स लैरी एलिसन ने अपनी संपत्ति का 95 प्रतिशत हिस्सा दान करने जा रहे हैं। ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, लैरी एलिसन की कुल नेटवर्थ 373 बिलियन डॉलर है। पिछले कुछ दिनों में उनकी संपत्ति में जबरदस्त उछाल आई है, जिसकी सबसे बड़ी वजह एआई बूम और ओरैकल के शेयरों में भारी उछाल है। दौलत के मामले में लैरी एलिसन से ऊपर सिर्फ टेस्ला के सीईओ एलन मस्क हैं।
हालांकि, बहुत कम लोगों को यह बात पता है कि ओरेकल के फाउंडर लैरी एलिसन अपनी कुल प्रॉपर्टी का 95 प्रतिशत हिस्सा दान में देने का प्लान बना चुके हैं। हालांकि, उन्होंने साफ कहा है कि यह दान उनके अपने नियम और शर्तों पर होगा। गौरतलब है कि हाल ही एलिसन एलन मस्क को पीछे छोड़कर दुनिया के सबसे अमीर शख्स बने थे। लेकिन कुछ समय बाद वह फिर दूसरे नंबर पर आ गए।
लैरी एलिसन की कुल नेटवर्थ
फॉर्च्यून की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर 2025 तक एलिसन की नेटवर्थ 373 बिलियन डॉलर हो चुकी है। इसमें सबसे बड़ी हिस्सेदारी ओरेकल में उनकी 41 प्रतिशत स्टेक से आती है। इसके साथ ही एलन मस्क की कंपनी टेस्ला में भी उन्होंने बड़ा निवेश किया है। एलिसन अपने परोपकारी कामों को Ellison Institute of Technology (EIT) के जरिए अंजाम देते हैं, जो ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी स्थित एक फॉर-प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन है। यह संस्थान हेल्थ सर्विस, फूड सेफ्टी, क्लाइमेट चेंच और एआई रिसर्च जैसी वैश्विक चुनौतियों पर काम करता है।

ईआईटी का एक नया कैंपस
ईआईटी का एक नया कैंपस 2027 में ऑक्सफोर्ड में खोला जाएगा। एलिसन लंबे समय से बड़े डोनेशन देते आ रहे हैं। उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ कैलिफोर्निया को 200 मिलियन डॉलर कैंसर रिसर्च सेंटर बनाने के लिए दान किए। इसके साथ ही, उन्होंने एलिसन मेडिकल फाउंडेशन को 1 बिलियन डॉलर दिए, जो बंद होने से पहले बुजुर्गों की बीमारियों की रोकथाम की दिशा में काम करता था।
हमेशा अपनी शर्तों पर चलते हैं एलिसन
हालांकि, अपनी संपत्ति के दान के मामले में लैरी एलिसन हमेशा अपनी शर्तों पर ही चलते हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट बताती है कि ईआईटी को नेतृत्व परिवर्तन की वजह से कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। साल 2024 में एलिसन ने जॉन बेल को रिसर्च लीड करने के लिए नियुक्त किया था, लेकिन सिर्फ दो हफ्तों में ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया और इस प्रोजेक्ट को बेहद चुनौतीपूर्ण बताया