इन लोगों को कभी नहीं पहनना चाहिए रुद्राक्ष, धारण करने से पहले जान लें ये जरूरी बातें

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नई दिल्ली. हिंदू धर्म में रुद्राक्ष को भगवान शिव के प्रतीक के रूप में पूजा गया है. मान्यता के अनुसार रुद्राक्ष भगवान शिव के आंसुओं से बना है, इसलिए सृष्टि में इससे ज्यादा पवित्र और कुछ भी नहीं. रुद्राक्ष भगवान शिव को भी प्रिय है. मान्यताओं के अनुसार रुद्राक्ष धारण करने वाले लोगों पर भगवान शिव अपनी विशेष कृपा बनाए रखते हैं, इसलिए ज्यादातर शिव भक्त रुद्राक्ष धारण किए हुए होते हैं. रुद्राक्ष से ना सिर्फ धार्मिक लाभ प्राप्त होता है, बल्कि यह स्वास्थ्य लाभ भी देता है. एक मुखी से लेकर 21 मुखी तक के रुद्राक्ष पाए गए हैं.

हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इन सभी रुद्राक्षों की अपनी एक अलग महिमा है. ज्योतिष शास्त्र में माना जाता है कि रुद्राक्ष धारण करने से कष्ट दूर होते हैं. रुद्राक्ष धारण करने के क्या नियम हैं? आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.

हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यदि किसी स्त्री को रुद्राक्ष धारण करने की सलाह दी गई है तो बच्चे के जन्म के बाद सूतक काल समाप्त होने तक उसे रुद्राक्ष उतार देना चाहिए. इसके अलावा रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को जहां नवजात शिशु और उसकी मां हो, उस स्थान पर प्रवेश नहीं करना चाहिए. अगर किन्ही कारणों से उसे वहां जाना भी पड़े तो पहले रुद्राक्ष को उतार देना चाहिए.

मांसाहार करने वाले व्यक्ति को रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए. मान्यताओं के अनुसार रुद्राक्ष धारण करने से पहले धूम्रपान और मांसाहार भोजन से दूरी बना लेना ही उचित है. ऐसा माना जाता है कि मांसाहार करने से रुद्राक्ष अशुद्ध होता है, जिसके कारण भविष्य में कष्ट उठाने पड़ सकते हैं.

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