पुरानी कार खरीदने की सोच रहे हैं? इन 4 बातों का रखेंगे ध्यान तो कभी नहीं खाएंगे धोखा

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नई दिल्ली: त्योहारों का सीजन आते ही गाड़ियों की खरीद-बिक्री बढ़ जाती है। अगर आप भी एक कार खरीदने का सपना देख रहे हैं, लेकिन नई गाड़ी का बजट इजाजत नहीं दे रहा, तो सेकेंड हैंड कार एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है। हालांकि, पुरानी गाड़ी खरीदते समय थोड़ी सी चूक आपको बड़ा आर्थिक नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए, किसी भी पुरानी कार का सौदा पक्का करने से पहले कुछ जरूरी बातों की पड़ताल करना बेहद अहम है।

आइए जानते हैं वो कौन सी जरूरी बातें हैं, जिनका ध्यान रखकर आप एक अच्छी और भरोसेमंद पुरानी कार खरीद सकते हैं।

1. इंजन और मैकेनिकल जांच

किसी भी गाड़ी का सबसे अहम हिस्सा उसका इंजन होता है। कार पसंद आने पर सबसे पहले किसी भरोसेमंद और अनुभवी मैकेनिक से उसकी जांच कराएं। मैकेनिक कार का इंजन, कूलिंग सिस्टम, ट्रांसमिशन, पहियों की कंडीशन और एग्जॉस्ट सिस्टम की गहनता से जांच कर यह बता सकता है कि गाड़ी की मौजूदा हालत क्या है और क्या यह मांगी जा रही कीमत के लायक है भी या नहीं।

2. कार की असल कंडीशन और टेस्ट ड्राइव

पुरानी कार बाजार में एक आम धोखा यह होता है कि डीलर या मालिक सौदा पक्का होने के बाद गाड़ी के ओरिजिनल पार्ट्स को सस्ते या पुराने पार्ट्स से बदल देते हैं। इसलिए, बातचीत के दौरान और डिलीवरी से पहले गाड़ी के पार्ट्स पर नजर रखें। गाड़ी की परफॉर्मेंस को सही तरीके से परखने के लिए मालिक के साथ एक लंबी टेस्ट ड्राइव जरूर लें।

3. सबसे जरूरी हैं गाड़ी के कागज

चोरी की या किसी आपराधिक मामले में फंसी गाड़ी खरीदने से बचने के लिए कागजात की जांच सबसे महत्वपूर्ण कदम है। आरसी पर मालिक का नाम, पता, रजिस्ट्रेशन की तारीख, इंजन और चेसिस नंबर का मिलान गाड़ी से जरूर करें। सुनिश्चित करें कि कार का बीमा वैध है। सौदा पक्का होते ही बीमा को अपने नाम पर ट्रांसफर करवाना न भूलें। कार के पुराने बिल, प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र (PUC), टैक्स रिकॉर्ड और मेंटेनेंस रिकॉर्ड की भी जांच करें। अगर कार लोन पर ली गई थी, तो मालिक से बैंक का अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) और फॉर्म 35 लेना अनिवार्य है।

4. सर्विसिंग और मॉडिफिकेशन का रिकॉर्ड

कार का सर्विस रिकॉर्ड उसकी परफॉर्मेंस और रखरखाव का आईना होता है। सर्विस रिकॉर्ड से आपको यह पता चल जाएगा कि गाड़ी की सर्विसिंग समय पर हुई है या नहीं और उस पर कितना काम हुआ है। इससे यह भी अंदाजा लगता है कि पिछले मालिक ने गाड़ी का कितना ध्यान रखा है। साथ ही, यह भी जांच लें कि गाड़ी में कोई ऐसा मॉडिफिकेशन तो नहीं कराया गया है जो स्थानीय यातायात नियमों का उल्लंघन करता हो।

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