गुलज़ार हुईं पहलगाम की वीरान सड़कें, टूरिस्ट बोले- ‘हमें कोई डर नहीं’

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नई दिल्ली: आतंकवाद के काले साये के बावजूद, पहलगाम में पर्यटकों की चहल-पहल फिर से लौट आई है। हाल ही में हुए दुखद आतंकवादी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, लेकिन इसके बावजूद पर्यटक कश्मीर घाटी की गर्मी का आनंद लेने और अपनी यात्रा योजनाओं पर टिके रहने के लिए पहलगाम पहुंच रहे हैं। पर्यटकों का कहना है कि उन्होंने सोच-विचार कर यहां आने का फैसला किया है। ‘लिटिल स्विट्जरलैंड’ के नाम से मशहूर यह खूबसूरत इलाका हमले के कुछ दिनों बाद ही पर्यटकों के लिए खोल दिया गया था।

ग्राउंड जीरो अभी भी बंद
हालांकि, हमले का केंद्र बिंदु, बैसरन का मैदान अभी भी बंद है। कुछ दिनों पहले इसी मैदान के आसपास के देवदार के जंगलों से आतंकवादियों का एक समूह निकला था और उन्होंने अनजान पर्यटकों के एक समूह पर अंधाधुंध गोलियां बरसाई थीं। इस नरसंहार के बाद, कभी गुलजार रहने वाला यह पर्यटन स्थल लगभग खाली हो गया था। जहां पहले रोज़ 5,000 से 7,000 पर्यटक आते थे, वहीं अब मुश्किल से 100 पर्यटक ही पहुंच रहे थे, जिससे स्थानीय लोगों के लिए बेरोजगारी का खतरा मंडराने लगा था, जिनकी आजीविका मुख्य रूप से पर्यटन पर ही निर्भर है।

पर्यटकों का हौसला: ‘हमें कोई डर नहीं’
रविवार को पहलगाम की सड़कों पर एक खुशनुमा नजारा देखने को मिला, जब विदेशी और घरेलू पर्यटक शहर में घूमते हुए नजर आए, जिससे सामान्य स्थिति लौटने की उम्मीद जगी। भारत के विभिन्न हिस्सों से आए पर्यटकों ने गजब का लचीलापन और सकारात्मक रवैया दिखाते हुए कहा कि ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं कहीं भी हो सकती हैं। महाराष्ट्र से आए एक समूह ने बताया कि उन्हें कोई डर नहीं है, क्योंकि उन्हें ट्रैवल एजेंटों और अपने टूर ग्रुप का पूरा सहयोग मिल रहा है। समूह के एक सदस्य ने कहा, “हमें डरना नहीं चाहिए। जो होना है, वह होकर रहेगा।”

विदेशी पर्यटकों ने जताया भरोसा
क्रोएशिया और सर्बिया के पर्यटक भी पहलगाम की सड़कों पर पूरी तरह से सहजता से घूमते हुए दिखे। क्रोएशिया के एक पर्यटक व्लातको ने कहा, “यह कश्मीर में मेरा 10वां दौरा है और हर बार यह शानदार रहा है। मेरे लिए, यह दुनिया में नंबर एक जगह है, यहां के लोग स्वाभाविक और बहुत अच्छे हैं। मेरा समूह बहुत खुश है। क्रोएशिया और सर्बिया के लोग पहली बार यहां आए हैं।” सुरक्षा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “मैं पूरी तरह से सुरक्षित महसूस करता हूं, यहां कोई समस्या नहीं है। हर जगह, लोग नमस्ते कहते हैं – बिल्कुल भी डर नहीं।” क्रोएशिया की लिजिलजाना ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि वे यहां बहुत सुरक्षित महसूस कर रही हैं। उन्होंने कहा, “हमें यहां रहने में कोई परेशानी नहीं है। कश्मीर खूबसूरत है, बहुत खूबसूरत। हम यहां की प्रकृति और लोगों के दयालु स्वभाव से बहुत खुश हैं।”

क्रोएशिया के एक अन्य पर्यटक एडमिर जाहिक ने भी इसी तरह की राय व्यक्त की। हमले के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “मुझे कोई डर नहीं लगा। मैं जानता हूं कि यह ऐसी घटना नहीं है, जो यहां अक्सर होती है। अगर आपको डर लगता है, तो आप घर पर रह सकते हैं, लेकिन वहां भी ऐसा हो सकता है। यह यूरोप में होता है, यह हर जगह होता है। दुनिया में अब कोई सुरक्षित जगह नहीं है।”

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