वॉशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने बृहस्पतिवार को यूरोप के चार वामपंथी समूहों को औपचारिक रूप से आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया। यह कदम उस समय आया है जब ट्रंप ने कंजरवेटिव एक्टिविस्ट चार्ली किर्क की हत्या के बाद लेफ्ट-विंग चरमपंथ पर कड़ा प्रहार करने की घोषणा की थी। ये सभी नेटवर्क यूरोप में सक्रिय हैं और अमेरिका में इनकी कोई प्रत्यक्ष गतिविधि दर्ज नहीं है। इनके खिलाफ विस्फोटक भेजने, सरकारी भवनों के बाहर बम लगाने और दाएं-विचारधारा समूहों पर हिंसक हमलों के आरोप हैं।
रिपोर्टों के अनुसार, यूरोप दशकों से वामपंथी राजनीतिक हिंसा का केंद्र रहा है, जबकि हाल के वर्षों में अमेरिका में ज्यादातर हमले दक्षिणपंथी चरमपंथियों द्वारा हुए हैं। हालांकि, ट्रंप प्रशासन का कहना है कि एंटी-फासिस्ट और अराजकतावादी नेटवर्क पश्चिमी सभ्यता को कमजोर करने की साजिश रच रहे हैं।
कौन हैं वे 4 यूरोपीय समूह जिन्हें ट्रंप ने निशाने पर लिया?
इंटरनेशनल रेवोल्यूशनरी फ्रंट- इटली
सशस्त्र सर्वहारा न्याय- ग्रीस
रिवोल्यूशन क्लास सेल्फ डिफेंस- ग्रीस
एंटीफा ओस्ट (पूर्व)- जर्मनी

आतंकी घोषित होने का क्या मतलब है?
– प्रशासन को अब इन समूहों के किसी भी अमेरिकी वित्तीय स्रोत पर कार्रवाई करने की शक्ति मिल जाती है।
– कई अराजकतावादी और एंटीफा नेटवर्क संगठित संगठन नहीं बल्कि ढीले-ढाले समूह होते हैं।
– कुछ समूह केवल “संपत्ति पर हिंसा” का समर्थन करते हैं, लोगों पर नहीं।
– ग्रीस में बम धमाकों से पहले फोन कर लोगों को सुरक्षित निकालने की मिसालें भी सामने आई हैं।
एंटीफा पर ट्रंप की कार्रवाई जारी
ट्रंप प्रशासन इससे पहले भी एंटीफा को घरेलू आतंकवादी संगठन घोषित कर चुका है। हालांकि अमेरिकी कानून के तहत घरेलू समूहों को विदेशों की तरह फॉरेन टेरर ऑर्गनाइजेशन लिस्ट में शामिल नहीं किया जा सकता।
यूरोपीय देशों की प्रतिक्रिया आने बाकी
यह घोषणा यूरोप में शाम के समय की गई, इसलिए संबंधित देशों की सरकारों की प्रतिक्रिया तुरंत सामने नहीं आई। इन समूहों से जुड़े मामलों की जांच यूरोप में लंबे समय से चल रही है।