नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के साथ संभावित व्यापार समझौते को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका एक ऐसी ट्रेड डील पर काम कर रहे हैं, जो हाल ही में इंडोनेशिया के साथ हुई डील की तरह हो सकती है। ट्रंप के अनुसार, इस समझौते से अमेरिका को भारतीय बाजार में बेहतर पहुंच मिलेगी। वॉशिंगटन में ट्रंप ने बताया कि भारत इस दिशा में तेज़ी से कदम बढ़ा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि यह डील 1 अगस्त से पहले पूरी हो सकती है, अन्यथा भारत को भारी टैरिफ का सामना करना पड़ सकता है।
ट्रंप ने इंडोनेशिया के साथ हुए समझौते का उदाहरण देते हुए कहा कि अमेरिका में इंडोनेशिया से आयातित सामान पर 19 फीसदी टैरिफ लगाया जाएगा, जबकि अमेरिका से इंडोनेशिया भेजे जाने वाले सामान पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि भारत के साथ भी वही शर्तें लागू होंगी या नहीं। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के लिए ऐसी डील को स्वीकार करना कठिन हो सकता है, क्योंकि 19 फीसदी टैरिफ भारतीय निर्यात के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है।
रूस-भारत व्यापार पर भी टिप्पणी
राष्ट्रपति ट्रंप ने रूस से ऊर्जा आयात करने वाले देशों, विशेष रूप से भारत, को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि यदि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अगले 50 दिनों में यूक्रेन के साथ शांति समझौता नहीं किया, तो रूस से तेल और गैस खरीदने वाले देशों को 100 फीसदी टैरिफ देना पड़ सकता है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि यह डेडलाइन 2 सितंबर तक हो सकती है, लेकिन इसे पहले भी लागू किया जा सकता है।

अमेरिकी नीति पर असर
सीनेट में रिपब्लिकन नेता जॉन थ्यून ने बताया कि वह फिलहाल रूस से ऊर्जा आयात करने वाले देशों पर 500 फीसदी टैरिफ लगाने वाले बिल को रोक कर रखे हुए हैं। ट्रंप ने इस बिल की आवश्यकता पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह खुद ही ऐसे सख्त कदम उठा सकते हैं। उन्होंने दावा किया कि उनकी टैरिफ नीति के चलते ही अमेरिका को इंडोनेशिया और भारत जैसे देशों के बाजारों तक पहुंच मिल रही है।
भारत से उम्मीदें
ट्रंप ने इंडोनेशिया के साथ हुए समझौते को उदाहरण बनाते हुए बताया कि उस देश के पास उच्च गुणवत्ता वाला तांबा और दुर्लभ खनिज हैं, जो अमेरिका के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा, “पहले हमारे लोगों को इन देशों में पहुंच नहीं मिलती थी, लेकिन टैरिफ के कारण अब रास्ते खुल रहे हैं।” उन्होंने यह स्पष्ट किया कि भारत के साथ डील का उद्देश्य अमेरिकी कंपनियों को भारतीय बाजार में अधिक अवसर दिलाना है। ट्रंप ने चेतावनी दी कि यदि भारत तय समयसीमा में समझौते पर सहमति नहीं देता, तो उसे 35 फीसदी तक टैरिफ का सामना करना पड़ सकता है।