तेल अवीव: ईरान ने पिछले पांच घंटों के दौरान इजराइल पर तीन बार मिसाइल हमले किए हैं। इन हमलों में एक मिसाइल इजराइल के बीर्शेबा शहर की एक इमारत पर गिरी। मेडिकल टीम के अनुसार, इस हमले में 6 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं। यह हमला अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा घोषित सीजफायर के तुरंत बाद हुआ, जिससे संकेत मिलता है कि ट्रंप ने एक बार फिर सीजफायर की घोषणा करने में जल्दबाजी कर दी।
सोमवार देर रात पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रूथ सोशल’ पर ऐलान किया कि ईरान और इजराइल के बीच सीजफायर को लेकर सहमति बन चुकी है। ट्रंप ने दावा किया कि दोनों देश उनके पास युद्ध विराम की मांग लेकर पहुंचे थे, जिसके बाद उन्होंने इस दिशा में मध्यस्थता करते हुए संघर्ष रोकने में अहम भूमिका निभाई। ट्रंप ने यह भी आशा जताई कि यह सीजफायर स्थायी रहेगा। हालांकि, उनके इस ऐलान के कुछ ही समय बाद ईरान ने इजराइल पर मिसाइल हमला कर दिया।
ईरान ने सीजफायर से किया इंकार
ईरान ने डोनाल्ड ट्रंप के दावे को झूठा बताया। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि, अब तक इजराइल और ईरान के बीच कोई अंतिम युद्धविराम समझौता नहीं हुआ है। अराघची ने कहा कि यदि इजराइल तेहरान के समयानुसार सुबह 4 बजे तक ईरानी ठिकानों पर अपने अवैध हमले बंद कर देता है, तो वह इजराइल के खिलाफ जवाबी कार्रवाई जारी नहीं रखेगा। अराघची ने यह भी कहा कि अपनी सैन्य गतिविधियों को पूरी तरह से रोकने का अंतिम निर्णय ईरान बाद में लेगा।

उन्होंने कहा, इजराइल को सजा देने के लिए ईरान का सैन्य अभियान आखिरी क्षण तक, यानी सुबह 4 बजे तक जारी रहा। हमारे वीर सैनिकों ने दुश्मन के हर हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया। वे देश की रक्षा के लिए अपनी आखिरी सांस और खून की आखिरी बूंद तक लड़ने को तैयार रहते हैं।
कभी नहीं झुकेगा ईरान: खामेनेई
ट्रंप के दावे को लेकर ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली खामेनेई ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। खामेनेई ने पोस्ट करते हुए कहा कि जो लोग ईरानी लोगों और उनके इतिहास को जानते हैं, वे जानते हैं कि ईरानी राष्ट्र आत्मसमर्पण करने वाला देश नहीं है।