यूपी के शहरों को जर्जर भवनों से मिलेगी मुक्ति, योगी सरकार जल्द लाने जा रही नीति

0 58

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के शहरों को जर्जर और असुरक्षित भवनों से मुक्ति दिलाने का रास्ता आसान होने जा रहा है। योगी सरकार शहरों में सालों पुराने जर्जर भवनों को तोड़ कर उसके स्थान पर ऊंची इमारत बनाने की जल्द अनुमति देने जा रही है। इसके लिए पुनर्विकास नीति लाने की तैयारी है। उच्च स्तर पर इसको लेकर विचार-विमर्श हो चुका है। यह अनुमति सिर्फ वहां ही दी जाएगी, जहां न्यूनतम 1500 वर्ग मीटर भूमि होगी।

प्रदेश के शहरी पुराने क्षेत्रों में काफी भवन ऐसे हैं जो जर्जर हो चुके हैं और ये लोगों के लिए असुरक्षित भी हैं। इसमें से कई प्राइम लोकेशन पर हैं और इसके विकास से प्रदेश की आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। इसीलिए आवास विभाग चाहता है कि एक ऐसी नीति लाई जाए, जिससे शहरों में सालों से जर्जर पड़े भवनों के स्थान पर नए निर्माण के साथ उससे आय हो सके।

इस नीति के आधार पर ऐसी भूमि पर मिश्रित भूउपयोग की अनुमति दी जाएगी। इससे निम्न और मध्यम वर्ग के लोगों को मकान मिलने का रास्ता साफ होगा और शहरों की खूबसूरती भी बढ़ेगी। देश के अन्य राज्यों मुंबई, मध्य प्रदेश और गुजरात में भी इस तरह की नीति लाई जा चुकी है। गुजरात में पुनर्विकास नीति के तहत अपार्टमेंट के पुनर्विकास के लिए नीति बनाई गई है, जिससे लोगों का व्यापक हित हुआ।

25 वर्ष पुराने भवनों को मिलेगी अनुमति

प्रस्तावित नीति के मुताबिक, 25 साल पुराने भवनों को इसके दायरे में लाया जाएगा। इसके अलावा स्ट्रक्चरल ऑडिट की रिपोर्ट के आधार पर पुनर्विकास की अनुमति दी जाएगी। इसके लिए न्यूनतम 1500 वर्ग मीटर भूमि होना अनिवार्य होगा। एकल आवास या एकल भवन इस नीति के दायरे में नहीं आएंगे। लीज पर आवंटित भूमि को भी पुनर्निमाण की अनुमति नहीं दी जाएगी।

बंद उद्योगों पर भी होगा विचार

तीन साल से बंद पड़े उद्योगों या जिन्हें रूगण इकाई घोषित किया गया होगा, उसे पर भी नीति के आधार पर अनुमति देने पर विचार किया जाएगा। इसके साथ ही ऐसे उद्योग जिन्हें विस्तार की जरूरत है और शहर के अंदर रखने में परेशानी हो रही है उन पर भी विचार किया जा सकता है।

विकास शुल्क में 50% की छूट

शासन के सूत्रों के मुताबिक, इसके लिए विकास शुल्क की देयता पर 50 प्रतिशत की छूट दी जा सकती है। निम्न से उच्च भूउपयोग में परिवर्तन के लिए 25 प्रतिशत की छूट दी जा सकती है। जोन रेग्युलेशंस के अनुसार तय भूउपयोग के इतर इस्तेमाल पर 25 प्रतिशत प्रभाव शुल्क में भी छूट दी जा सकती है। इस योजना में इस शर्त के साथ अनुमति दी जाएगी कि 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस और 10 प्रतिशत एलआईजी मकान बनाने होंगे।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.