UP RERA का बड़ा एक्शन, महागुन-गौरसंस सहित कई बिल्डरों पर जुर्माना, घर खरीदारों की शिकायतों पर सख्ती

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उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (यूपी रेरा) ने रियल एस्टेट कानून के उल्लंघन और घर खरीदारों की शिकायतों को लेकर महागुन ग्रुप, गौरसंस ग्रुप सहित कई रियल एस्टेट डेवलपर्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। पीटीआई की खबर के मुताबिक, बीते सोमवार को हुई एक सुनवाई में UP RERA बेंच ने स्पष्ट कहा कि रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम (RERA Act) के उल्लंघन को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक, ये कार्रवाई मुख्यतः पश्चिमी उत्तर प्रदेश, विशेषकर नोएडा और गाजियाबाद स्थित परियोजनाओं से जुड़ी है।

 

महागुन ग्रुप पर कड़ी नजर

RERA के अनुसार, महागुन ग्रुप के खिलाफ 16 शिकायतें दर्ज की गई थीं। जांच में पाया गया कि कंपनी ने RERA पोर्टल पर इलेक्ट्रिकल NOC के स्थान पर इलेक्ट्रिकल ड्रॉइंग्स अपलोड कीं, जो कि भ्रामक जानकारी देने का मामला है। हालांकि पहले ही कंपनी को चेतावनी दी जा चुकी थी, लेकिन उसके बावजूद कोई सुधार नहीं किया गया। अब इन मामलों को UP RERA सचिव के पास कड़ी दंडात्मक कार्रवाई के लिए भेज दिया गया है।

अन्य डेवलपर्स पर भी गिरी गाज

महालक्ष्मी ग्रुप के खिलाफ 9 शिकायतें मिलीं। कंपनी ने निर्धारित प्रारूप में बिल्डर-बायर एग्रीमेंट (आवंटन पत्र) पंजीकृत नहीं किए, जो कि कानून का उल्लंघन है। मामला आगे की कार्रवाई के लिए भेजा गया है।

  • एसजेपी होटल्स एंड रिसॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड भी आवंटन पत्र निर्धारित प्रारूप में जारी न करने का दोषी पाया गया।
  • पंचशील बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड ने भी बिल्डर-बायर एग्रीमेंट को पंजीकृत नहीं किया। इसका मामला भी आगे की कार्रवाई के लिए भेजा गया।
  • गौरसंस रियलटेक प्राइवेट लिमिटेड ने RERA द्वारा जारी status quo आदेश का उल्लंघन किया, जिसे दंडात्मक कार्रवाई के लिए भेजा गया।
  • महालक्ष्मी इंफ्राहोम्स प्राइवेट लिमिटेड पर गलत आपत्तियां दाखिल करने के लिए ₹10,000 का जुर्माना लगाया गया।
  • गौरसंस हाई-टेक इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड पर भ्रामक आपत्तियां दर्ज करने के लिए प्रति मामले ₹25,000 की दर से कुल ₹1,00,000 का जुर्माना लगाया गया।

किन धाराओं के तहत की गई कार्रवाई?

UP RERA ने इन मामलों में RERA अधिनियम की धारा 13, 61 और 63 के अंतर्गत कार्रवाई की है। इन धाराओं के तहत जुर्माने से लेकर सख्त दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान है, विशेष रूप से जब उल्लंघन बार-बार किए जाएं।

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