यूपी परिवहन विभाग बनाएगा “सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस”, सीआईआरटी पुणे से समझौता

रायबरेली में आईडीटीआर पर होगा संचालन, अफसरों को मिलेगा आधुनिक तकनीक का प्रशिक्षण

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग, रायबरेली स्थित आईडीटीआर (IDTR) में एक “सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस” की स्थापना करेगा। इसके लिए सीआईआरटी, पुणे को ज्ञान एवं प्रशिक्षण सहयोगी (Knowledge & Training Partner) के रूप में प्रस्तावित समझौता ज्ञापन (MoU) के अंतर्गत जोड़ा जा रहा है। सीआईआरटी ने औपचारिक सहमति देते हुए अंतिम अनुमोदन हेतु मसौदा समझौता ज्ञापन भेज दिया है। यह पहल मार्च 2025 से परिवहन आयुक्त, उत्तर प्रदेश तथा सीआईआरटी के बीच लगातार परामर्श एवं कार्यवाही का परिणाम है। आज परिवहन आयुक्त श्री बृजेश नारायण सिंह ने परिवहन प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर इस MoU की स्वीकृति प्रदान करने का अनुरोध किया है, ताकि समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर एवं सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस की शुरुआत शीघ्र की जा सके।

तेजी से विकसित होती प्रौद्योगिकियों, नए वाहन इंजीनियरिंग मानकों तथा नागरिकों और सरकार की उच्च अपेक्षाओं के संदर्भ में अधिकारियों का संरचित, सतत एवं परिणामोन्मुख प्रशिक्षण एक प्रगतिशील सुधार है। यह पहल मोटर वाहन अधिनियम/नियम (MV Act/CMVR), एआईएस मानकों तथा सेवा प्रदाय प्रक्रियाओं में मानकीकरण और एकरूप अनुपालन को मजबूत करेगी, जिससे प्रवर्तन की गुणवत्ता और नागरिक-केन्द्रित प्रशासन में वृद्धि होगी।

विभाग ने एक समर्पित डेटा एनालिटिक्स एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) विंग स्थापित करने की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी है। प्रस्तावित प्रशिक्षण में डेटा एनालिटिक्स, एआई/एमएल (मशीन लर्निंग), आईटीएमएस/ई-चालान डेटा का प्रभावी उपयोग, प्रेडिक्टिव इनसाइट्स, डैशबोर्डिंग, साइबर सुरक्षा तथा प्राइवेसी-बाय-डिजाइन शामिल होंगे। इसके माध्यम से अधिकारी साक्ष्य-आधारित निर्णय, तीव्र, सटीक एवं पारदर्शी सेवाएं प्रदान कर सकेंगे।

सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस का पाठ्यक्रम सीएमवीआर/एआईएस अनुपालन; मोटर वाहन कानून और प्रक्रियाएं; सड़क सुरक्षा/दुर्घटना प्रबंधन; वाहन/इंजन परीक्षण एवं बीएस-6+ उत्सर्जन मानक; वैकल्पिक ईंधन (ईवी/हाइब्रिड/फ्लेक्स-फ्यूल/हाइड्रोजन); ऑटोमोटिव साइबर सुरक्षा; तथा संस्थागत संचालन पर केंद्रित होगा। विशेष बल समकालीन प्रणालियों एवं सुविधाओं जैसे कि ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन (ATS), ऑटोमेटेड ड्राइवर टेस्टिंग सेंटर (ADTC), ड्राइविंग ट्रेनिंग एवं टेस्टिंग इंस्टीट्यूट (DTTI), ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक (ADTT), पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा (RVSF) और आईडीटीआर प्रबंधन पर दिया जाएगा। इसमें फैकल्टी विकास, संयुक्त प्रमाणन (प्रशिक्षण पूर्णता) एवं गुणवत्ता आश्वासन तंत्र भी शामिल होगा।

यह प्रगतिशील कदम मापनीय परिणाम देने की अपेक्षा रखता है, जैसे— नियम अनुपालन में वृद्धि, प्रवर्तन की गुणवत्ता और एकरूपता में सुधार, फेसलेस सेवाओं की समयबद्धता और सटीकता में वृद्धि, लंबित मामलों और अनावश्यक वाद-विवाद में कमी तथा सड़क दुर्घटनाओं में कमी। यह पुलिस, स्वास्थ्य/आपातकालीन सेवाओं, पीडब्ल्यूडी/एनएचएआई और अन्य विभागों के साथ समन्वय को भी मजबूत करेगा, जिससे राज्य के सड़क सुरक्षा एवं उत्कृष्ट सेवा प्रदाय लक्ष्यों की दिशा में ठोस प्रगति होगी।

परिवहन आयुक्त श्री बृजेश नारायण सिंह ने कहा,
“हमारा लक्ष्य है कि हर अधिकारी डेटा-आधारित, तकनीक-सक्षम और नागरिक-केन्द्रित बने। सीआईआरटी के साथ साझेदारी और आईडीटीआर रायबरेली को सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित करना उत्तर प्रदेश को परिवहन शासन, प्रवर्तन गुणवत्ता और सड़क सुरक्षा में राष्ट्रीय मानक स्थापित करने की दिशा में अग्रसर करेगा।” सरकारी स्वीकृति प्राप्त होने पर प्रशिक्षण कैलेंडर जारी किया जाएगा और कार्यक्रम चरणबद्ध तरीके से आईडीटीआर रायबरेली तथा सीआईआरटी पुणे में आयोजित किए जाएंगे। विभाग सभी हितधारकों से इस पहल का सहयोग करने का आह्वान करता है ताकि उत्तर प्रदेश सुरक्षित सड़कों, उत्कृष्ट सेवा प्रदाय एवं आधुनिक परिवहन प्रशासन की दिशा में तीव्र प्रगति कर सके।

 

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