यूपी बनेगा फार्मा हब, नकली-नशीली दवा कारोबारियों को सामने लाएं: सीएम योगी

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लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश दुनिया का सबसे बड़ा दवा उपभोक्ता बाजार है। प्रदेश में 1.10 लाख पंजीकृत दवा की दुकानों से पांच लाख लोग सीधे तौर पर जुड़े हैं। इससे भी बड़ी संख्या उन लोगों की है, जो अप्रत्यक्ष रूप से इस कारोबार से जुड़े हैं। दवा कारोबार बड़ी जिम्मेदारी और जवाबदेही का क्षेत्र है। नकली और नशीली दवाओं की बिक्री के खिलाफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट फेडरेशन आगे आए। सरकार उनके व्यवसाय को सरल और सुगम बनाने में मदद करेगी। मुख्यमंत्री रविवार को केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट फेडरेशन उत्तर प्रदेश की वार्षिक आमसभा को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दवा कारोबारी राष्ट्र के विकास में योगदान देते हुए जिम्मेदारी के साथ लोगों को गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराते हैं। उन्हें ईमानदारीपूर्वक याद रखना होगा कि जन विश्वास बनाए रखना ही उनके कारोबार की सबसे बड़ी पूंजी है। नकली दवाओं के खिलाफ सभी को जन जागरण के अभियान से जुड़ना होगा। यह संकल्प लेना होगा कि किस भी प्रकार की मिलावटी दवाओं के कारोबार के खिलाफ खड़े होंगे। नारकोटिक्स की जिन दवाओं में डॉक्टर के विशेष परामर्श की जरूरत होती है, उन्हें आम दवाओं की तरह नहीं बिकने देंगे। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने आगरा में नकली दवाओं और कुछ अन्य जगहों पर नारकोटिक्स दवाओं से जुड़े अवैध कारोबार पर बड़ी कार्रवाई की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नकली दवाओं का कारोबार ईमानदार दुकानदारों के लिए बड़ी चुनौती है। उन्होंने नकली-नशीली दवाओं की बिक्री के खिलाफ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट फेडरेशन आगे आए। सरकार फेडरेशन को हर प्रकार का संरक्षण देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच वर्ष पूर्व फार्मासिस्ट की अनिवार्यता को लेकर दवा कारोबारियों पर संकट आया था। तब उन्होंने कहा था कि दवा कारोबारी का व्यावहारिक ज्ञान, फार्मासिस्ट से कम नहीं होता। इस बात को लेकर केंद्र सरकार ने सकारात्मक कदम बढ़ाया था।

यूपी को बनाएंगे फार्मा हब
योगी ने कहा कि दवाओं के मामले में उत्तर प्रदेश दुनिया का सबसे बड़ा उपभोक्ता बाजार है। सरकार प्रदेश को फार्मा हब बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। इसके लिए भारत सरकार के पूर्व औषधि महानियंत्रक डॉ. जीएन सिंह को फार्मा एडवाइजर बनाया गया है। साथ ही ललितपुर में एक बड़ा फार्मा पार्क विकसित किया जा रहा है। यहीं बनने से लोगों को सस्ती दवाएं मिलेंगी। दवा का एक्सपोर्ट दुनिया को होगा। नई संभावनाओं के द्वार खुलेंगे और बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन भी होगा।

वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज का दौर
सीएम ने कहा कि कभी प्रदेश की पहचान वन डिस्ट्रिक्ट वन माफिया से थी। सरकार ने अब इसकी पहचान वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज की कर दी है। आठ साल में सरकार ने 41 नए मेडिकल कॉलेज और दो एम्स स्थापित किए हैं। अस्पतालों की तो लंबी शृंखला है। उन्होंने कहा कि यूपी में सुरक्षा के माहौल में नया बिजनेस मॉडल दिया गया है। यह सिर्फ 25 करोड़ की आबादी का राज्य ही नहीं है बल्कि अगल-बगल के राज्यों की स्वास्थ्य और अन्य जरूरतों को भी पूरा करता है।

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