वेदांता ने 17,000 करोड़ में जेपी एसोसिएट्स का अधिग्रहण किया, अडाणी ग्रुप पीछे
NCLT की CIRP प्रक्रिया के तहत वेदांता बनी सफल बोलीदाता; जेपी ग्रुप के रियल एस्टेट, सीमेंट और पावर प्रोजेक्ट्स शामिल
वित्तीय ऋणदाताओं का दावा है कि जेएएल पर कुल 57,185 करोड़ रुपये का बकाया है। इनमें सबसे बड़ा दावा नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (NARCL) का है, जिसने भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले ऋणदाता समूह से कंपनी का कर्ज खरीदा है। इस साल अप्रैल में जेएएल के अधिग्रहण में 25 कंपनियों ने रुचि दिखाई थी, लेकिन जून तक कंपनी को दिवाला प्रक्रिया के तहत केवल पांच पक्की बोलियां और अग्रिम राशि मिलीं। इन दावेदारों में अडाणी एंटरप्राइजेज, डालमिया भारत सीमेंट, वेदांता ग्रुप, जिंदल पावर और पीएनसी इन्फ्राटेक शामिल थे।
बोली प्रक्रिया के अंतिम चरण में केवल अडाणी ग्रुप और वेदांता ने ही ठोस प्रस्ताव पेश किए। जेएएल की संपत्तियों में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) की कई बड़ी रियल एस्टेट परियोजनाएं शामिल हैं, जिनमें ग्रेटर नोएडा का जेपी ग्रीन्स, नोएडा स्थित जेपी ग्रीन्स विशटाउन और जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास स्थित जेपी इंटरनेशनल स्पोर्ट्स सिटी प्रमुख हैं। इसके अलावा, कंपनी के पोर्टफोलियो में दिल्ली-एनसीआर, मसूरी और आगरा में संचालित पांच होटल भी शामिल हैं।

इसके अलावा जेएएल के पास मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में चार सीमेंट यूनिट्स तथा कुछ पट्टे पर ली गई चूना पत्थर की खदानें भी हैं, हालांकि वर्तमान में इनके सीमेंट प्लांट बंद पड़े हैं। कंपनी ने अपनी सहायक इकाइयों जैसे जयप्रकाश पावर वेंचर्स लिमिटेड, यमुना एक्सप्रेसवे टोलिंग लिमिटेड और जेपी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट लिमिटेड समेत कई अन्य कंपनियों में निवेश कर रखा है। वहीं, जयप्रकाश ग्रुप (जेपी ग्रुप) की एक अन्य कंपनी जेपी इन्फ्राटेक लिमिटेड का अधिग्रहण पहले ही दिवाला समाधान प्रक्रिया के तहत मुंबई स्थित सुरक्षा ग्रुप द्वारा किया जा चुका है।
Recover your password.
A password will be e-mailed to you.