30 मीटर तक पूरी हुई वर्टिकल ड्रिलिंग, ऑगर मशीन के टूटे हिस्से को बाहर निकालने में भी मिली सफलता

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उत्तरकाशी : उत्तराखंड के सिलक्यारा टनल हादसे को हुए आज पूरे 16 दिन बीत चुके हैं, लेकिन कोई खास सफलता हाथ नहीं लगी है। 200 कर्मचारियों के साथ कई एजेंसियां यहां दिन रात रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हुई है, पर टनल के अंदर 16 दिनों से जूझ रही 41 जिंदगियों को अभी तक बाहर नहीं निकाला जा सका है। ऑगर मशीन में बार-बार आ रही बाधाओं के बाद रविवार से पहाड़ी के ऊपर से वर्टिकल ड्रीलिंग का काम भी शुरू हो चुका है। अभी तक 30 मीटर तक की ड्रिलिंग हो गई है।

इस बीच एक अच्छी खबर आई है कि ऑगर मशीन के टूटे हिस्से को बाहर निकाल लिया गया है। अब यहां मैन्युअल ड्रिलिंग का काम शुरू किया जाएगा, जो कि भारतीय सेना की इंजीनियरिंग बटालियन मद्रास सेपर्स की निगरानी में आगे बढ़ेगा। मैन्युअल ड्रिलिंग के लिए रैट माइनिंग विधि अपनाई जाएगी, जिसमें छोटी-छोटी सुरंगे खोदी जाती हैं। कोयले की खदान में इस तरह की सुरंगें बनाई जाती हैं। वहीं मजदूरों तक पहुंच बनाने के लिए हर कोशिश जारी है।

पीएमओ के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे और पीएमओ के उप सचिव मंगेश घिल्डियाल सिल्कयारा टनल बचाव स्थल पर मौजूद हैं। इसके अलावा जनरल वी के सिंह (रिटायर्ड) भी पहुंचे, और टनल के बाहर बने बौखनाग देवता के मंदिर में पूजा अर्चना की।

दो दिन पहले मौसम विभाग ने 3 दिनों का येलो अलर्ट जारी किया था, जिसके बाद कल से ही उसका असर भी देखने को मिला। प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी की भी आशंका जताई गई है। चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी, देहरादून, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, पिथौरागढ़, बागेश्वर, चंपावत, नैनीताल और अल्मोड़ा जिलों में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। दो जिलों को छोड़कर प्रदेश भर में बारिश के साथ ओलावृष्टि व बिजली चमकने की आशंका है। खराब मौसम के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में भी दिक्कतें आ सकती है।

आपको बता दें कि बीते दिन सीएम पुष्कर सिंह धामी ने टनकपुर के श्रमिक पुष्कर सिंह ऐरी के परिवार से भेंट की। इस दौरान श्रमिक के परिजन भावुक हो गए और सीएम धामी ने मौके पर परिजनों को ढांढस बंधाया। साथ ही जल्द रेस्क्यू कार्य पूरा होने और सभी मजदूरों के जल्द बाहर निकलने की बात कही।

पुष्कर सिंह ऐरी सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों में से एक हैं। पुजारी दिनेश प्रसाद ने कहा है कि सुरंग में फंसे हुए श्रमिकों के सुरक्षित बचाव के लिए पूजा-अर्चना की जा रही है। मजदूरों की सकुशल रेस्क्यू के लिए ईष्ट देवता की पूजा और हवन का आयोजन किया जाएगा।

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