बारिश कराने के नाम पर ये कैसा अंधविश्वास, कक्षा 5वीं के बच्चों की करा दी शादी; पूरा गांव हुआ शामिल

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बेंगलुरु: जब किसी भी क्षेत्र में सूखा पड़ता है, तो लोग बारिश के लिए विभिन्न मान्यताओं का सहारा लेते हैं। बारिश कराने के लिए देवी-देवता की विशेष पूजा कराते हैं, नहीं तो किसी टोना-टोटका का सहारा लेते है। ऐसा ही कुछ कर्नाटक में देखने को मिल रहा है।

बारिश के देवता को खुश करने के लिए बेंगलुरु के आसपास के जिलों में अंधविश्वास का खेला शुरू कर दिया है। सूखे क्षेत्र में बारिश हो इस चक्कर में लोग यहां नाबालिग लड़कों की शादी कराने में जुट गए हैं। ग्रामीणों ने यह दावा किया है कि शादी कराने के आधे घंटे बाद ही कर्नाटक में बारिश शुरू हो गई। शादी की घटना गुरुवार और बुधवार को सामने आई है।

गांव की पूरी आबादी हुई इकट्ठा
नाबालिग लड़कों की शादी के लिए गांव की पूरी आबादी एकत्र हुई और शादी में भाग लिया। जिन लड़कों की शादी कराई गई वह कक्षा पांचवी के छात्र है। सभी को दूल्हा-दुल्हन की पोशाक पहनाने से लेकर गांठ बांधने समेत सभी रस्में निभाई गईं। लोगों ने आशीर्वाद देने के लिए बारिश के देवताओं को आमंत्रित किया और अनुष्ठान में भाग लेकर आरती की। नाबालिग लड़कों को शादी के तोहफे में पैसे भी दिए गए।

शादी के बाद सामान्य जीवन में लौटे नाबालिग बच्चे
शादी के बाद नाबालिग लड़के अपने सामान्य जीवन में लौट आए है। जानकारी के लिए बता दें कि नाबालिग लड़कों की शादी की परंपरा बड़े पैमाने पर बेंगलुरु ग्रामीण, चिक्कबल्लापुर और कोलार जिलों में पाई जाती है। चिंतामणि तालुक के हिरेकाट्टीगेहल्ली और चिक्काबल्लापुर तालुक और जिले के मोगलाकुप्पे गांव के ग्रामीणों ने इन नाबालिग लड़कों की शादी कराई है।

बेंगलुरु में तीन दिनों से हो रही बारिश
हैरानी की बाद यह रही कि नाबालिग बच्चों की शादी के कुछ ही घंटों के बाद कर्नाटक में तेज बारिश हुई। बेंगलुरु शहर सहित आसपास के जिलों में पिछले तीन दिनों से बारिश हो रही है। किसानों को चिंता थी कि मानसून कम आने के कारण पूरी फसल खराब हो जाएगी। अब उन्हें उम्मीद है कि उन्हें कम से कम मुख्य रागी की फसल मिल सकेगी।

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