Mumbai Monorail Rescue Operation: मुंबई में सोमवार को मोनोरेल का सफर यात्रियों के लिए खौफनाक अनुभव बन गया। वाशीगांव इलाके में बिजली आपूर्ति ठप होने से मोनोरेल बीच रास्ते में करीब एक घंटे तक रुकी रही। ट्रेन रुकते ही एयर कंडीशनर बंद हो गया और डिब्बे के भीतर घुटन का माहौल बन गया। यात्री बेचैन हो उठे, खासकर महिलाएं और बच्चे सबसे ज्यादा परेशान हुए। यात्रियों ने बताया कि ट्रेन रुकने के बाद सांस लेना मुश्किल हो गया था। एक यात्री ने कहा, “घुटन इतनी बढ़ गई थी कि हम सभी घबराने लगे। आखिरकार खिड़की को थोड़ा तोड़कर हवा के लिए जगह बनाई गई। तभी थोड़ी राहत मिली।” यात्रियों ने एक-दूसरे का सहारा देकर स्थिति को संभालने की कोशिश की।
इस बीच, प्रशासन को सूचना मिलने पर मुंबई फायर ब्रिगेड की टीम तुरंत मौके पर पहुंची। तीन स्नॉर्कल वाहनों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। फायर ब्रिगेड कर्मियों ने कुछ खिड़कियों को काटकर यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला। इस पूरी प्रक्रिया में यात्री सहमे हुए थे, लेकिन राहत की सांस तब आई जब सभी लोग सुरक्षित बाहर आ गए। एक महिला यात्री ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा, “हम लोग बहुत टेंशन में आ गए थे। बार-बार यही ख्याल आता था कि अब क्या होगा, घर कैसे जाएंगे? मैंने पहली बार मोनोरेल में सफर किया था, लेकिन इस हादसे ने डरा दिया।”

घटना की जानकारी मिलते ही राज्य सरकार हरकत में आई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए और अधिकारियों को भविष्य में इस तरह की घटना न दोहराने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए। मोनोरेल प्रशासन ने भी बयान जारी करते हुए कहा कि बिजली आपूर्ति में तकनीकी समस्या आई थी, जिसे जल्द ठीक कर लिया गया। प्रशासन ने यात्रियों से हुई असुविधा पर खेद जताया और भरोसा दिलाया कि सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
यह घटना एक बार फिर मुंबई की लोकल परिवहन व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है। आमतौर पर मुंबई मेट्रो और मोनोरेल को आधुनिक और सुरक्षित माना जाता है, लेकिन सोमवार की यह घटना यात्रियों के लिए किसी सदमे से कम नहीं रही।