योगी कैबिनेट की बैठक आज, संभल की रिपोर्ट पेश होगी, नई नीतियों पर मुहर की तैयारी

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नई दिल्ली: योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट बैठक में आज खास तौर पर संभल मामले की न्यायिक आयोग की रिपोर्ट कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी, जो इस बैठक का एक मुख्य बिंदु रहेगा। इसके साथ ही कैबिनेट बैठक में राज्य की नई निर्यात नीति को मंजूरी दी जाएगी। राज्य की नई निर्यात नीति साल 2030 तक प्रभावी रहेगी। इस नीति में व्यापारिक प्रतिस्पर्धा और वैश्विक टैरिफ युद्ध की स्थिति को ध्यान में रखते हुए राज्य के निर्यातकों को विशेष रियायतें दिए जाने की योजना है। इसके माध्यम से प्रदेश को एक मजबूत निर्यातक राज्य के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही कई और मुद्दों पर चर्चा होगी।

पैतृक संपत्ति के बंटवारे की प्रक्रिया होगी आसान
बैठक में पैतृक संपत्ति के बंटवारे के लिए रजिस्ट्री प्रक्रिया को भी सरल और किफायती बनाने का प्रस्ताव रखा जाएगा। प्रस्ताव के अनुसार, अब संपत्ति के बंटवारे के लिए सिर्फ 5000 रुपये में रजिस्ट्री कराई जा सकेगी, जिससे आम लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है।

आउटसोर्स कर्मचारियों की स्थिति सुधारने के लिए ‘उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम’ के गठन का प्रस्ताव भी पेश किया जाएगा। यह निगम आउटसोर्स कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा करेगा और उन्हें शोषण से बचाएगा। इसके अलावा नगर विकास विभाग के तहत लखनऊ और कानपुर में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को सशक्त करने के लिए 100-100 इलेक्ट्रिक बसें खरीदी जाएंगी। इससे दोनों शहरों में यातायात व्यवस्था को आधुनिक और पर्यावरण के अनुकूल बनाने में मदद मिलेगी।

औद्योगिक निवेश को बढ़ावा
औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश और रोजगार प्रोत्साहन नीति-2022’ के अंतर्गत कुछ कंपनियों को “लेटर ऑफ कम्फर्ट” देने का प्रस्ताव भी पारित किया जाएगा। आईटी विभाग की ओर से ‘उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण नीति-2025’ को भी मंजूरी मिलने की उम्मीद है, जिससे राज्य में इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।

स्वामी शुकदेवानंद विश्वविद्यालय के लिए खास होगी बैठक
शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए उच्च शिक्षा विभाग की ओर से शाहजहांपुर में ‘स्वामी शुकदेवानंद विश्वविद्यालय’ की स्थापना के प्रस्ताव को हरी झंडी मिल सकती है। यह विश्वविद्यालय मुमुक्ष आश्रम ट्रस्ट की इकाइयों को उच्चीकृत करके स्थापित किया जाएगा। साथ ही, राज्य विधि आयोग के कार्यकाल को आगे बढ़ाने और वर्तमान अध्यक्ष की सेवा शर्तों पर भी चर्चा होगी। इसके अलावा स्टांप विभाग को सरकारी विभाग घोषित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल सकती है।

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