लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अधिक रजिस्ट्री होने वाले जिलों में औचक स्थलीय निरीक्षणों को अब और अधिक कराने का फैसला किया है। यह निर्णय हाल ही में धार्मिक और पर्यटन महत्व वाले क्षेत्रों में हुए भूमि सौदों की जांच के संदर्भ में व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाने के लिए लिया गया है। पहले सभी जिलों में उप-निबंधक को हर माह 50, एडीएम को 25 और जिलाधिकारी को पांच औचक स्थलीय निरीक्षण किए जा रहे थे। उन्हें निर्देश दिया गया है कि इस संख्या को स्वत: और बढ़ा दिया जाए।
स्टांप तथा पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल ने शनिवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि राज्य सरकार ने संपत्ति रजिस्ट्री प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता और त्रुटि रहित निगरानी सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। प्रदेश भर में उन सभी स्थानों पर जहां संपत्ति रजिस्ट्रियों काफी अधिक हो रही हैं, वहां औचक स्थलीय निरीक्षणों की संख्या में वृद्धि की जाएगी। यह निर्णय भूमि सौदों की जांच के संदर्भ में व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाने के लिए लिया गया है।

उन्होंने कहा है कि सरकार हर स्तर पर एक पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसी उद्देश्य से विभाग यह प्रयास कर रहा है। नई व्यवस्था के तहत उन स्थानों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा जहां रजिस्ट्री की संख्या में अचानक वृद्धि हुई है, ताकि विभागीय कार्यों की त्रुटि रहित निगरानी की जा सके और किसी भी अनियमितता को शुरुआती चरण में ही रोका जा सके।
जनता के हित प्राथमिकता
मंत्री ने कहा है कि निरीक्षण की संख्या बढ़ाने का मुख्य उद्देश्य उन सभी स्थानों पर विभागीय कार्यों की त्रुटि रहित निगरानी सुनिश्चित करना है जहां रजिस्ट्री का काम अधिक है। यह कदम संपत्ति के क्रय-विक्रय में होने वाली संभावित धोखाधड़ी और राजस्व चोरी को रोकने के लिए उठाया गया है, जिससे आम जनता के हितों की रक्षा सुनिश्चित की जा सके।