दिल्ली में कोरोना के 34 नए मामले आये सामने, एक और मरीज की मौत, अब तक 14,40,900 लोग संक्रमित

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राजधानी दिल्ली में पिछले एक दिन में कोरोना संक्रमण के 34 नए मामले सामने आए और महामारी से एक मरीज की मौत हो गई। स्वास्थ्य विभाग की ओर से सोमवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में संक्रमण की दर 0.08 प्रतिशत है।

दिल्ली में लगातार तीसरे दिन कोविड-19 से किसी मरीज की मौत हुई है। नवंबर में अब तक महामारी से सात लोगों की मौत हो चुकी है। अक्टूबर के महीने में चार और सितंबर में पांच मरीजों की मौत हुई थी। राजधानी में संक्रमण के अब तक 14,40,900 मामले सामने आ चुके हैं और 25,099 मरीजों की मौत हो चुकी है।

हेल्थ बुलेटिन के अनुसार, अधिकारियों ने पिछले दिन 39,916 आरटी-पीसीआर सहित 43,399 टेस्ट किए। वर्तमान में दिल्ली में दिल्ली में 285 एक्टिव मामले हैं, जिनमें से 122 होम आइसोलेशन में हैं। कंटेनमेंट जोन की संख्या 105 है।

बता दें कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया था कि वे कोरोना वायरस के नए वैरिएंट से प्रभावित देशों से भारत आने वाली उड़ानों को तत्काल प्रभाव से बंद कर दें।

गौरतलब है कि अप्रैल और मई में, दिल्ली ने महामारी की दूसरी भयंकर लहर का सामना किया, जिसके कारण अस्पतालों में ऑक्सीजन और आवश्यक दवाओं की कमी हो गई थी। 20 अप्रैल को दिल्ली में 28,395 मामले दर्ज किए थे, जो महामारी की शुरुआत के बाद से शहर में सबसे अधिक थे। 22 अप्रैल को केस पॉजिटिविटी रेट 36.2 फीसदी था, जो अब तक का सबसे ज्यादा है। सबसे ज्यादा 448 मौतें 3 मई को हुई थीं।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में 16 जनवरी से टीकाकरण की कवायद शुरू होने के बाद से अब तक 2.25 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज दी जा चुकी हैं। 87 लाख से ज्यादा लोगों को दोनों डोज मिल चुकी हैं

कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमिक्रोन से खतरे को देखते हुए दिल्ली में विशेष सावधानी बरती जाएगी। प्रभावित देशों से आने वाले यात्रियों की कोरोना जांच रिपोर्ट नकारात्मक आने पर भी उन्हें सात दिन तक अपने घर में पृथकवास में रहना होगा। आठवें दिन उनकी फिर से आरटीपीसीआर जांच की जाएगी।

राजधानी दिल्ली में उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में सोमवार को दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक हुई। बैठक में केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार उच्च जोखिम वाले देशों से आने वाले सभी यात्रियों की आरटीपीसीआर जांच कराने का फैसला लिया गया। अगर किसी की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उन्हें संस्थागत पृथकवास में रखा जाएगा और जीनोम सीक्वेंसिंग की जाएगी। वहीं रिपोर्ट निगेटिव आने पर भी सात दिन तक अपने घर में पृथकवास में रहना होगा।

सात दिन के बाद फिर आरटीपीसीआर जांच करानी होगी। यह रिपोर्ट भी नकारात्मक आने पर उन्हें सात दिन तक खुद अपनी सेहत की निगरानी करनी होगी।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन, कैलाश गहलोत, डॉ. वीके पॉल, डॉ. एसके सिंह, डॉ. रणदीप गुलेरिया, डॉ. एस पांडा व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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