महाराष्ट्र में नगर निकाय चुनाव का रास्ता साफ, सुप्रीम कोर्ट ने 27% ओबीसी आरक्षण को दी मंजूरी

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नई दिल्ली/मुंबई: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक अहम फैसले में कहा कि महाराष्ट्र के सभी नगर निकाय चुनावों में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण लागू रहेगा। साथ ही, राज्य सरकार द्वारा की गई नई प्रभाग रचना (वार्ड बंटवारा) को भी वैध ठहराया गया है। कोर्ट के इस फैसले से मुंबई, ठाणे, पुणे, नागपुर समेत पूरे महाराष्ट्र में रुके हुए नगर निकाय चुनावों का रास्ता साफ हो गया है।

पिछले कुछ समय से राज्य में नगर निकाय चुनाव नहीं हो पा रहे थे। इसका कारण था नई वार्ड रचना और ओबीसी आरक्षण को लेकर चल रही कानूनी प्रक्रिया। कुछ याचिकाकर्ताओं ने नई प्रभाग रचना को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। हालांकि, न्यायमूर्ति सूर्यकांत सहित खंडपीठ ने इन सभी याचिकाओं को खारिज करते हुए राज्य सरकार के फैसलों को उचित ठहराया है।

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि चुनाव अब नई प्रभाग रचना के आधार पर ही कराए जाएंगे और ओबीसी आरक्षण लागू रहेगा। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह चार हफ्तों के भीतर चुनाव अधिसूचना जारी करे और चार महीनों के भीतर चुनाव प्रक्रिया पूरी करे। यह फैसला बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के 227 वार्डों सहित पूरे राज्य की सभी महानगरपालिकाओं और स्थानीय निकायों पर लागू होगा।

गौरतलब है कि वर्ष 1994 से 2022 तक ओबीसी आरक्षण स्थानीय निकायों में लागू था। सुप्रीम कोर्ट ने अब एक बार फिर उसी आधार को मान्यता दी है। इस फैसले को ओबीसी समुदाय के लिए बड़ी राजनीतिक राहत और प्रतिनिधित्व की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।

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