नई दिल्ली: पड़ोसी देश अफगानिस्तान के कुनार प्रांत में रविवार की देर रात आए भूकंप में कम से कम 250 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 500 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। अफगानिस्तान की सरकारी समाचार एजेंसी बख्तर ने सोमवार को यह जानकारी दी है। मीडिया के अनुसार प्रांतीय आपदा प्राधिकरण ने मृतकों और घायलों की संख्या की पुष्टि की है। अधिकारियों ने बताया कि मृतकों की संख्या प्रारंभिक है, बचाव दल सीमित संचार व्यवस्था के साथ दूरदराज के इलाकों में पहुँच रहे हैं।
आधिकारिक मीडिया ने बताया कि नुकसान का पूरा आंकलन करने और प्रभावित समुदायों को सहायता प्रदान करने के प्रयास जारी हैं। अफग़ानिस्तान राष्ट्रीय रेडियो और टीवी ने पहले पूर्वी नंगरहार प्रांत में नौ लोगों की मौत और 20 लोगों के घायल होने की सूचना दी थी। संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.0 मापी गई, जो शक्तिशाली श्रेणी में आता है। भूकंप इतना तीव्र था कि इसके झटके पूरे पाकिस्तान और दिल्ली-NCR तक महसूस किए गए। झटके महसूस होते ही लोग अपने-अपने घरों से बाहर आ गए। NCR वासियों ने बताया कि देर रात भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। इमारतें हिल गईं, और लोग बाहर भाग निकले।

भूकंप का केंद्र कहां था?
USGS के अनुसार, भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के जलालाबाद से 27 किसोमीटर पूर्व-उत्तर पूर्व में 8 किलोमीटर की गहराई में था। भारतीय समयानुसार भूकंप के झटके रात 12.47 बजे महसूस किए गए। इसके करीब 20 मिनट बाद भूकंप का एक और झटका महसूस किया गया, जिसकी तीव्रता 4.5 मापी गई। इसका केंद्र 10 किलोमीटर की गहराई में था।
हिमालय के नीचे टकरा रहीं दो प्लेटें
बता दें कि हाल के वर्षों में अफग़ानिस्तान और उसके पड़ोसी हिमालयी क्षेत्र में भूकंपीय गतिविधियों में चिंताजनक बढ़ोत्तरी देखी गई है। यह ताजा झटका इस क्षेत्र के अंदर हो रहे भूवैज्ञानिक हलचल की एक और याद दिलाता है। वैज्ञानिक इन लगातार झटकों को भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों के धीमे लेकिन लगातार टकराव से जोड़ते रहे हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक, हिमालय के नीचे धरती के अंदर दो प्लेटें, जिसने लाखों वर्षों पहले हिमालय को आकार दिया है, वे आज भी इस भूभाग को अस्थिर कर रहे हैं।