200 करोड़ खर्च कर इंप्लॉयज घटाएगी एअर इंडिया, जानें कैसे काम करेगा यह आइडिया

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नई दिल्ली: एअर इंडिया वीआरएस के थ्रू अपने परमानेंट कर्मचारियों की संख्या में और 2,000 की कमी करने का विचार कर रही है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस नई वीआरएस स्कीम के लिए 200 करोड़ रुपये अलग रखे हैं. एअर इंडिया ने पिछले हफ्ते अपने नॉन फ्लाइंग कर्मचारियों के लिए वीआरएस स्कीम लेकर आया था. एअर इंडिया की नॉन फ्लाइंग कर्मचारियों कबे लिए यह दूसरी वीआरएस स्कीम है. रिपोर्ट में एक एग्जिक्यूटिव के हवाले से कहा गया है कि अगर सभी 2,000 योग्य कर्मचारी दूसरे वीआरएस ऑफर का लाभ उठाते हैं तो इसमें 200 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होंगे.’

एक कंयूनिकेशन के अनुसार, नया ऑफर परमानेंट जनरल कैडर कर्मचारियों के लिए अवेलेबल है, जिन्होंने 40 वर्ष या उससे अधिक की आयु प्राप्त कर ली है और एयरलाइन में न्यूनतम पांच वर्ष की निरंतर सर्विस पूरी की है. साथ ही, मिनिमम पांच साल की निरंतर सर्विस पूरी करने वाले क्लेरिकल और अनस्क्ल्डि कैटेगिरी के कर्मचारी पात्र होंगे. ऑफर 30 अप्रैल तक खुला रहेगा. सूत्रों के हवाले से पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुल 2,100 कर्मचारी नई वीआरएस का लाभ उठाने के पात्र होंगे. वर्तमान में, एयरलाइन के पास फ्लाइंग और नॉन—फ्लाइंग कर्मचारियों सहित लगभग 11,000 कर्मचारियों की संख्या है.

जून 2022 में, एअर इंडिया ने वीआरएस प्रस्ताव के पहले चरण की शुरुआत की. एअर इंडिया के चीफ एचआर सुरेश दत्त त्रिपाठी ने एक कंयूनिकेशन में कहा है कि कर्मचारियों की ओर से कंपनी को अन्य स्थाई कर्मचारियों को भी वीआरएस का अतिरिक्त लाभ देने का अनुरोध किया गया है. इसके जवाब में एअर इंडिया दूसरे फेज के वीआरएस की घोषणा कर रही है. 17 मार्च 2023 से 30 अप्रैल 2023 तक वीआरएस के लिए आवेदन करने वाले कर्मचारियों को भी एकमुश्त लाभ के रूप में एक्स—ग्रेशिया अमाउंट दिया जाएग. 31 मार्च 2023 तक आवेदन करने वाले योग्य कर्मचारियों को एक्स-ग्रेशिया अमाउंट के अलावा 1 लाख रुपये मिलेंगे.

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