नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने जहां बीते गुरुवार को आम आदमी पार्टी के विधायक नरेश बालियान को जबरन वसूली के मामले में जमानत दे दी, लेकिन रिहाई से पहले ही एक दूसरे मामले में उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं पुलिस की अर्जी पर सुनवाई अधूरी रही और आज 6 दिसंबर को फिर से सुनवाई होगी। बीते गुरुवार को इस बाबत विशेष जस्टीस कावेरी बावेजा ने इस बात पर गौर किया कि महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत दर्ज मामले में पूछताछ के लिए बाल्यान की 10 दिन की हिरासत के अनुरोध संबंधी दिल्ली पुलिस की अर्जी पर दलीलों के लिए अधिक समय की आवश्यकता होगी। इसके बाद विशेष न्यायाधीश ने बाल्यान को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
इस बाबत दिल्ली पुलिस की ओर से विशेष लोक अभियोजक अखंड प्रताप सिंह ने कहा कि मामले में बड़ी साजिश का पता लगाने के लिए बाल्यान से पूछताछ आवश्यक है। पुलिस की अर्जी पर सुनवाई अधूरी रही और छह दिसंबर को फिर से सुनवाई होगी। इससे पहले दिन में एक अन्य न्यायाधीश ने बाल्यान की हिरासत के अनुरोध संबंधी पुलिस की याचिका खारिज कर दी थी और पुलिस से कहा था कि वह आवेदन किसी ‘‘उचित अदालत” में पेश करे।

इधर बाल्यान को अदालत में पेश किया गया, जिसके बाद अभियोजन पक्ष ने उनकी हिरासत और मामले को सांसदों तथा विधायकों के मामलों की सुनवाई के लिए निर्दिष्ट अदालत में स्थानांतरित करने की अपील करते हुए याचिका दायर की। जस्टीस वंदना जैन ने कहा, ‘‘यहां आने की क्या जरूरत थी। यह समय की बर्बादी है। आप फैसला दिखाएं जिसके अनुसार अदालत इस (मुद्दे) पर विचार करने के लिए बाध्य हो… मैं अभी कोई आदेश पारित नहीं कर सकती।”
जानकारी दें कि, बाल्यान को कथित संगठित अपराध से जुड़े मामले में बीते 4 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था, जबकि एक अदालत ने उन्हें पहले कथित जबरन वसूली के एक मामले में जमानत दे दी थी।