लखनऊ। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) के तहत आभा (आयुष्मान भारत हेल्थ एकाउंट) सरकारी अस्पताल जाने वाले सभी मरीजों को इस सुविधा से जोड़ा जाएगा। वर्तमान में लगभग 14.3 करोड़ लोग आभा पर पंजीकृत हो चुके हैं। इस एप के माध्यम से मरीज, डाक्टर, लैब, अस्पताल, फार्मेसी को आपस में जोड़ने का लक्ष्य है। इससे मरीज की बीमारी से संबंधित सभी रिपोर्ट (हेल्थ रिकार्ड) कभी भी कहीं भी मोबाइल एप पर मिल जाते हैं। इससे मरीजों को इलाज के लिए लाइन में भी नहीं लगना पड़ता है।
खास बात ये है कि आभा प्रत्येक नागरिक का स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशिष्ट पहचान देता है। जिसे मरीज की सहमति पर पूरे देश में उपयोग किया जाता है। आभा से अधिकतम लोगों को जोड़ने के लिए आशा घर-घर जाकर भी पंजीकरण कर रही हैं। इसके अलावा प्ले स्टोर से पीएचआर/ईएचआर एप को डाउनलोड भी किया जा सकता है। https://abha.abdm.gov.in से भी आभा अकाउंट बनाया जा सकता है। आधार से भी अकाउंट बनाने की सुविधा है।

यदि मोबाइल नंबर आधार से लिंक नहीं है तो बायोमेट्रिक सत्यापन के जरिए भी अकाउंट बनाने की सुविधा है। इसके लिए एबीडीएम पंजीकृत स्वास्थ्य केंद्र भी जाया जा सकता है। आभा और आरोग्य सेतु एप के माध्यम से चेहरे का सत्यापन करके अकाउंट बनाया जा सकता है। एबीडीएम नोडल प्रभारी डॉ. मोहित सिंह के अनुसार स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने वाले विशेषज्ञ (हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्री) भी एक लाख से अधिक हो चुकी हैं। इसमें डाक्टर, नर्स, पैरामेडिकल और अन्य स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं का राष्ट्रीय स्तर पर पंजीकरण किया जाता है।
इसके अलावा, 70 हजार से अधिक स्वास्थ्य सुविधा देने वाले आधुनिक व पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली से जुड़े सार्वजनिक, निजी स्वास्थ्य सुविधा केंद्र जैसे अस्पताल, क्लीनिक, लैब, डायग्नोस्टिक सेंटर, फार्मेसी आदि का पंजीकरण हो चुका है। इसमें जरूरत पड़ने पर मरीजों अपने नजदीक स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी मिल सकती हैं। डॉ. मोहित ने बताया कि अस्पताल पहुंचने वाले सभी मरीजों को आभा एप से जोड़ने का लक्ष्य है। इसके साथ ही लैब और फार्मेसी सेवाएं भी इससे जोड़ने पर कार्य चल रहा है।